नई दिल्ली। दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी कर रहे छात्र रामकेश मीणा की हत्या की ऐसी खौफनाक कहानी सामने आई है, जो प्यार, ब्लैकमेलिंग और एक शातिर दिमाग का घातक कॉकटेल है। यह कहानी एक ऐसी लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है जिसने फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई की थी। वह क्राइम वेब सीरीज की शौकीन थी और जिसने अपने ज्ञान का इस्तेमाल एक क्रूर हत्या को हादसे का रूप देने के लिए किया। आज हम आपको बताएंगे दिल्ली के गांधी विहार में हुए रामकेश मीणा हत्याकांड की पूरी कहानी। साथ ही इस तफ्सीली रिपोर्ट में आप हत्याकांड की मास्टरमाइंड अमृता चौहान के बारे में भी सब कुछ जानिए, जिसने सनसनीखेज वारदात को बहुत ही चालाकी से अंजाम दिया।
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रामकेश के पास थीं अमृता की अश्लील वीडियो!
अमृता और 32 वर्षीय रामकेश मीणा का रिश्ता कुछ ही महीनों तक ठीक चला। पुलिस पूछताछ में अमृता ने खुलासा किया कि रामकेश ने उसकी कुछ निजी अश्लील वीडियो और तस्वीरें बना ली थीं और उन्हें एक हार्ड डिस्क में सेव कर रखा था। जब अमृता को इन वीडियो के बारे में पता चला तो उसने रामकेश से इन्हें डिलीट करने को कहा। मगर रामकेश ने बहाने बनाकर वीडियो हटाने से साफ इनकार कर दिया। यहीं से दोनों के रिश्ते में खटास आ गई। अमृता ने रामकेश से बदला लेने की ठान ली। अपने प्राइवेट वीडियो वापस पाने और रामकेश को सबक सिखाने के लिए उसने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित कश्यप से संपर्क किया।
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अमिता ने X-बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर रची खौफनाक साजिश
अमृता ने अपनी आपबीती 27 वर्षीय सुमित कश्यप को बताई और उसने बदला लेने का फैसला किया। दोनों ने मिलकर रामकेश की हत्या की एक ऐसी साजिश रची जिसे देखकर लगे कि यह सिर्फ एक हादसा था। इस साजिश में उन्होंने सुमित के दोस्त 29 साल के संदीप को भी शामिल कर लिया। संदीप SSC/CGL की तैयारी कर रहा था और पुलिस लाइन में संविदा कर्मचारी था। जबकि सुमित गैस सिलेंडर का डिस्ट्रीब्यूटर था। फॉरेंसिक साइंस की छात्रा होने के नाते अमृता जानती थी कि सबूतों को कैसे नष्ट करना है। सुमित को पता था कि गैस सिलेंडर से धमाका कैसे कराया जा सकता है। तीनों ने मिलकर हार्ड डिस्क छीनने और रामकेश को रास्ते से हटाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया।
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हत्या की रात क्या-क्या हुआ?
बताया गया है कि पाँच और छह अक्टूबर की दरम्यानी रात अमृता, सुमित और संदीप के साथ रामकेश के गांधी विहार स्थित चौथी मंजिल के फ्लैट पर पहुंची। आरोप है कि वहां तीनों ने मिलकर पहले रामकेश का गला घोंटा और डंडों से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शुरू हुआ सबूत मिटाने का शातिर खेल। उन्होंने शव पर तेल, घी और शराब डालकर आग लगा दी। सुमित ने किचन से गैस सिलेंडर निकाला और रेगुलेटर का नॉब खोलकर उसे लाश के सिर के पास रख दिया। ताकि कुछ देर बाद धमाका हो और पूरा मामला एक भयानक हादसे जैसा लगे। इसके बाद उन्होंने लोहे के गेट की जाली हटाई और अमृता ने अंदर हाथ डालकर दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया। वे अपने साथ मृतक की हार्ड डिस्क, दो लैपटॉप और अन्य सामान लेकर फरार हो गए। करीब एक घंटे बाद, फ्लैट में गैस सिलेंडर फटा और रामकेश का शव बुरी तरह जलकर टुकड़ों में बंट गया।
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CCTV और मोबाइल ने खोला कातिलों का राज
छह अक्टूबर को जब पुलिस को आग लगने की सूचना मिली तो पहली नजर में यह एक हादसा ही लगा। लेकिन रसोई के बजाय कमरे में सिलेंडर के टुकड़े देखकर और रामकेश के परिवार द्वारा हत्या का शक जताए जाने पर पुलिस ने जांच की दिशा बदल दी। पुलिस ने आसपास के CCTV फुटेज खंगाले, जिसमें दो नकाबपोश युवक और एक युवती रात में बिल्डिंग में घुसते और कुछ देर बाद बाहर निकलते हुए दिखाई दिए। युवती की पहचान अमृता के रूप में हुई। जब पुलिस ने अमृता के मोबाइल की लोकेशन (CDR) की जांच की, तो घटना के वक्त उसका फोन गांधी विहार में ही एक्टिव मिला जिससे उस पर शक गहरा गया।
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फिर मुरादाबाद तक पहुंची दिल्ली पुलिस
अमृता का फोन बंद आने पर पुलिस की कई टीमों ने मुरादाबाद में छापेमारी की। आखिरकार 18 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में अमृता ने अपना गुनाह कबूल करते हुए सुमित व संदीप का नाम भी बता दिया। बताया गया है कि उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हार्ड डिस्क और मृतक के कुछ सामान बरामद किए। 21 अक्टूबर को सुमित और 23 अक्टूबर को संदीप को भी मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया। संदीप के पिता ने कहा कि अगर उनका बेटा दोषी है तो वह उसके साथ नहीं हैं। बताया गया है कि अगर निर्दोष है तो आखिरी सांस तक साथ देंगे।
