- पश्चिमांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगमों में बड़े शहरों के निजीकरण की रूपरेखा तैयार
- बिजली कर्मियों में निजीकरण को लेकर बढ़ा गुस्सा
- विद्युत अभियंताओं ने दीपावली पर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने पर हेतु सभी जनपदों में की सभा
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। सरकार की मंशा साफ हो गई है। अब मध्यांचल समेत पश्चिमांचल के निजीकरण की पूरी तैयारी हो चुकी है। इस आहट से बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में बेहद आक्रोश देखने को मिल रहा है। सूत्रों का कहना है कि बिजली विभाग के कर्मी ब़ड़े आंदोलन की राह पर है। सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वो बिजली व्यवस्था को कभी भी मटियामेट कर सकते हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केन्द्रीय पदाधिकारियों ने आज यहां बताया कि पॉवर कारपोरेशन का शीर्ष प्रबंधन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के साथ ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत सभी बड़े शहरों के निजीकरण की रूपरेखा तैयार कर रहा है। आज इसी योजना के तहत पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत गाजियाबाद के दो शहरी क्षेत्र, मुरादाबाद क्षेत्र और सहारनपुर क्षेत्र की प्रशासनिक संरचना के बदलाव के आदेश जारी किए गए हैं।
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दीपावली के पर्व पर उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने हेतु आज उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने सभी जनपदों में अभियंताओं की आम सभा की। आम सभा में अभियंताओं ने दीपावली पर रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु योजना बनाई और सभी संबंधित अभियंताओं को निर्देश दिया कि वे अपने अपने क्षेत्र में दीपावली के पूरे पर्व के दौरान और छठ पूजा तक उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में जुट जाएं। संघर्ष समिति ने कहा कि अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि जहां एक ओर विद्युत अभियंता दीपावली पर निर्बाध बिजली आपूर्ति की तैयारी में लगे हैं वहीं दूसरी ओर पावर कॉरपोरेशन का शीर्ष प्रबंधन पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के साथ पश्चिमांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले बड़े शहरों के निजीकरण की तैयारी में है और उनका प्रशासनिक ढांचा मनमाने ढंग से बदलने का आदेश जारी कर रहा है।

संघर्ष समिति ने बताया कि इस संबंध में आज पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने गाजियाबाद के दो क्षेत्र, सहारनपुर क्षेत्र और मुरादाबाद क्षेत्र का प्रशासनिक ढांचा ईज ऑफ लिविंग के नाम पर निजीकरण की दृष्टि से मनमाने ढंग से बदलने का आदेश जारी कर दिया है। संघर्ष समिति ने बताया कि नोएडा क्षेत्र का प्रशासनिक ढांचा बदलने का आदेश लगभग तैयार है और इसे भी दीपावाली के पूर्व जारी कर दिया जाएगा। संघर्ष समिति ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि दीपावली के ठीक पहले दीपावली के पर्व पर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के बजाय पावर कारपोरेशन का प्रबंधन निजीकरण की योजना बनाने में व्यस्त है। संघर्ष समिति ने कहा कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत बरेली का प्रशासनिक ढांचा बदलने का आदेश पहले ही हो चुका है। लेसा का प्रशासनिक ढांचा बदलने का फैसला एक नवंबर से लागू किया जा रहा है।
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संघर्ष समिति ने कहा कि वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग और ईज ऑफ लिविंग के नाम पर विद्युत वितरण का प्रशासनिक ढांचा मनमाने ढंग से बदलना, केवल निजीकरण के लिए किया जा रहा है। ध्यान रहे प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष और मेरठ के भाजपा विधायक अमित अग्रवाल ने प्राक्कलन समिति की बैठक में वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग का जोरदार विरोध किया था। प्राक्कलन समिति की बैठक में अमित अग्रवाल ने कहा था कि वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग के बाद मेरठ शहर की बिजली व्यवस्था और खराब हो गई है। संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन का ध्यान बिजली व्यवस्था में सुधार के बजाय निजीकरण पर है जिससे उपभोक्ताओं और पॉवर सेक्टर का बहुत नुकसान हो रहा है। वर्षों से चली आ रही व्यवस्था में अभियंताओं से विचार विमर्श किए बिना किए जा रहे बदलाव के दुष्परिणाम मेरठ ,अलीगढ़ और बरेली में दिखाई दे रहे हैं उसके बावजूद प्रबंधन मनमानेपन पर उतारू है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन की 323 वें दिन आज बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में सभी जनपदों में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
