लखनऊ। मध्य प्रदेश के गुना जिले के मधुसूदनगढ़ में अतिक्रमण हटाने की एक कार्रवाई का मार्मिक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में एक पाँच-छह साल का बच्चा पुलिस द्वारा अपनी माँ को ले जाते देख उनके पीछे दौड़ता और रोते-बिलखते हुए “मम्मी को छोड़ दो…” चिल्लाता हुआ दिखाई दे रहा है। इस हृदयविदारक दृश्य ने प्रशासनिक कार्रवाई के मानवीय पहलुओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना शनिवार को गणेशपुरा गांव में प्रस्तावित नए बस स्टैंड के लिए आवंटित जमीन से अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई। स्थानीय निवासियों का दावा है कि वे कई वर्षों से उस जमीन पर रह रहे हैं और उनके पास इसके पट्टे, बिजली और पानी के बिल जैसे दस्तावेज भी हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उन्हें बेदखल कर दिया।
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कार्रवाई के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसमें जामनेर थाना प्रभारी सुरेश सिंह कुशवाह एक अतिक्रमणकारी को पकड़ते समय घायल हो गए। पुलिस ने लेखराज नामक व्यक्ति पर शासकीय कार्य में बाधा डालने और धारदार हथियार से हमला करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है, जिसे बाद में न्यायालय ने जेल भेज दिया।
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इस घटना के बाद यह बहस छिड़ गई है कि क्या कानून व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया में मानवीय संवेदनाओं, विशेषकर बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज किया जा रहा है। मासूम बच्चे की चीख इस प्रशासनिक कार्रवाई के पीछे की मानवीय त्रासदी का प्रतीक बन गई है, जो यह सवाल पूछने पर मजबूर करती है कि क्या कानून की सख्ती संवेदनाओं से ऊपर है।

