- पूर्व PM केपी शर्मा ओली, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक समेत कई बड़े नेताओं का पासपोर्ट हो सकता है सस्पेंड?
- नेपाल में मतदान करने की उम्र 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष करने का निर्णय
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू। नेपाल की अंतरिम पीएम सुशीला कार्की की अगुवाई में कैबिनेट बैठक हुई। इसमें पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक और अन्य नेताओं के पासपोर्ट सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा गया। शेर बहादुर देउवा और उनकी पत्नी आरजू देउवा सहित कई पूर्व मंत्रियों की अवैध संपत्ति की जांच के आदेश भी दिए गए हैं। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की अगुवाई में सरकार की अहम कैबिनेट मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक समेत कई नेताओं का पासपोर्ट सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा गया। गृहमंत्री ओमप्रकाश अर्याल ने प्रस्ताव रखा। इस दौरान शेर बहादुर देउवा और आरजू देउवा के विदेश जाने पर रोक लगाने का प्रस्ताव भी रखा गया। इतना ही नहीं, पिछली ओली सरकार के मंत्री और अन्य दलों के बड़े नेता पर निगरानी रखने का प्रस्ताव भी रखा गया।
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कैबिनेट ने पिछली ओली सरकार के मंत्रियों की अवैध संपत्ति की जांच का आदेश दिया है। जांच का काम डिपार्टमेंट ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग इन्वेस्टिगेशन को सौंपा गया है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा और उनकी पत्नी आरजू देउवा समेत कई मंत्रियों के घर में मिले करोड़ों रुपए के जले नोट का मामला भी शामिल है। इसके साथ ही पूर्व ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का के खिलाफ भी जांच होगी। नेपाल की अंतरिम पीएम सुशीला कार्की ने आज देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश को जटिल राजनीतिक परिस्थितियों से निकलने के लिए सरकार ने सामान्य चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के साथ चर्चा कर आवश्यक जनशक्ति, बजट, चुनाव सामग्री, सुरक्षा और कानूनी व्यवस्थाओं की योजना बनाई है।
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प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि मौजूदा चुनाव कानून में संशोधन किया गया है। साथ ही कहा कि नेपाल में मतदान करने का अधिकार 18 वर्ष से घटकर 16 वर्ष किया गया है। उन्होंने सभी नेपाली भाइयों और बहनों से अपील की कि आगामी प्रतिनिधि सभा चुनावों में उत्साहपूर्वक हिस्सा लें और ऐसे योग्य प्रतिनिधि चुनें जो युवाओं की बदलती आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर सकें। सुशीला कार्की ने कहा कि सभी राजनीतिक दल, नागरिक समाज, मीडिया और अन्य संबंधित पक्षकार चुनाव के सफल, निष्पक्ष और निर्भीक आयोजन में सक्रिय रूप से हिस्सा लें। प्रधानमंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण वातावरण चुनाव के लिए अनिवार्य है और देश के सभी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिक धैर्य पूर्वक शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखें।
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