- ठगों के मकड़जाल से लोगों का जीना हुआ मुहाल, आए दिन हो रही बड़ी बड़ी ठगी
- कभी CBI कभी Crime Branch के अधिकारी बन करते हैं ठगी
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के ऐशबाग क्षेत्र की रहने वाली 74 वर्षीय बुजुर्ग महिला रीता भसीन जो अकेले रहती हैं और वह एक छोटी सी दुकान चलाकर जीवन यापन करतीं हैं। उनके मोबाइल फोन पर एक दिन एक कॉल आती है। फोन करने वाला खुद को क्राइम ब्रांच और सीबीआई अफसर बताया। फिर यहीं से अनजान नंबर से फोन करने वाले कहा कि आप का मोबाइल नंबर संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त हैं और मुंबई के अंधेरी ईस्ट थाने में आप के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। यह सुनते ही रीता भसीन डर गई और जालसाजों के चंगुल में फंसकर अपनी जीवन भर की कमाई गंवा बैठीं।
राजधानी लखनऊ के ऐशबाग क्षेत्र निवासी रीता भसीन ही नहीं, यहां के सैकड़ों लोग जालसाजी का शिकार बन बैठे हैं। खुद को कमरे में कैद रीता भसीन ने किसी तरह हिम्मत जुटा कर इसकी सूचना लखनऊ साइबर थाने में देकर जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
बुजुर्ग महिला रीता भसीन से 56 लाख रुपए की हुई ठगी का मामला सामने आते ही मानो पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी। साइबर थाने की पुलिस मामले की गहनता से छानबीन की तो पता चला कि बुजुर्ग महिला रीता भसीन के मोबाइल फोन पर कॉल करने वाले कहीं दूर के नहीं बल्कि राजधानी लखनऊ के ही हैं।
इनकी गर्दन दबोचने के लिए पुलिस ने जाल बिछाया और शुक्रवार को इंदिरा नगर क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद जैद, मोहन कुमार व चित्रांश कुंवर को गिरफ्तार कर इस खेल का खुलासा किया। यह तो महज बानगी भर है इससे पहले भी कई जालसाजों की गिरफ्तारियां हो चुकी है, जिसमें राजफाश हुआ था कि कोई एटीएम कार्ड बदलकर तो कोई नौकरी दिलाने के झांसा देकर तो कोई रुपए दुगुना करने के नाम लाखों-करोड़ों रुपयों की ठगी कर चुके हैं।
