भारत-मध्य एशिया संवादः व्यापार, कनेक्टिविटी और सुरक्षा पर फोकस

नई दिल्ली। भारत-मध्य एशिया वार्ता शुक्रवार को नई दिल्ली में शुरू हुई। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस संवाद के चौथे संस्करण में हिस्सा लेने नई दिल्ली पहुंचे कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्रियों का स्वागत किया। इस दौरान सभी नेताओं के बीच व्यापार एवं निवेश, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, सुरक्षा आदि क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने को लेकर संवाद हुआ। इसके अलावा बैठक में आतंकवाद का मुद्दा भी जोर-शोर से उठा।

भारतीय विदेश मंत्री ने अपने मध्य एशियाई समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। उन्होंने कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मुरत नूरलु, ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिदीन मुह्रिदीन, किर्गिज़ गणराज्य के विदेश मंत्री जेनबेक कुलुबेव, तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री रशिद बख्तियोर सईवोव के साथ बैठक कर आपसी सहयोग बढ़ाने पर विचार साझा किए।

जयशंकर ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि हम आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और भारत पूरे क्षेत्र में आतंकवाद तथा कट्टरपंथ विरोधी साझेदारी को बढ़ाने में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। डॉ. जयशंकर ने भारत और मध्य एशिया के बीच मजबूत एवं बढ़ती साझेदारी पर प्रकाश डाला, जो आपसी हितों तथा ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित है। उन्होंने व्यापार और निवेश, रक्षा, कृषि प्रसंस्करण, कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा, संस्कृति, उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, क्षेत्रीय संपर्क और सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया।

जयशंकर ने कहा भारत मध्य एशिया के साथ अपने सहस्राब्दियों पुराने सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को गहराई से संजोता है। व्यापार, विचारों के आदान-प्रदान और लोगों के बीच संपर्क के माध्यम से बनाए गए ये सदियों पुराने बंधन समय के साथ मजबूत हुए हैं और साझा आकांक्षाओं, साझा अवसरों तथा आम चुनौतियों द्वारा परिभाषित साझेदारी में विकसित हुए हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार व्यापार, कनेक्टिविटी, प्रौद्योगिकी और विकास सहयोग पर एक मजबूत जोर देने के साथ भारत भारत-मध्य एशिया संबंधों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।

बता दें कि मध्य एशिया के साथ भारत के जुड़ाव को मजबूत करने वाले प्रमुख स्तंभों में से एक अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) है। यह रणनीतिक मार्ग भारत को ईरान, कैस्पियन सागर क्षेत्र और आगे रूस और मध्य एशिया में जोड़ता है। आईएनएसटीसी ने पारगमन के समय और लागत दोनों को काफी कम कर दिया है, जिससे बाजारों तक सीधी पहुंच और कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान जैसे देशों के साथ ऊर्जा साझेदारी को बढ़ावा मिल गया है। इसने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत के लिए, आईएनएसटीसी सिर्फ एक व्यापार मार्ग ही नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक और भू-राजनीतिक पुल है, जो मध्य एशिया के लिए अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

Uttar Pradesh

वोटर वेरिफिकेशन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बीएलओ को पालिका अध्यक्ष ने किया सम्मानित

उमेश चन्द्र त्रिपाठी नौतनवां महराजगंज!12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में बड़ी संख्या में मतदाताओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया जिसके फल स्वरूप कई बीएलओ अपने बूथ के मतदाताओं का शत्-प्रतिशत गणना प्रपत्र भरकर पूर्व निर्धारित 04 दिसम्बर को निर्वाचन आयोग की साइट पर […]

Read More
Crime News homeslider Uttar Pradesh

कफ सिरप मामला: पांच राज्यों तक बढ़ा जांच का दायरा

ईडी ने FSDA से मांगा कार्रवाई का ब्योरा; 118 पर FIR! लखनऊ में नशीले कफ सिरप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। ईडी यूपी के साथ मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और झारखंड तक फैले इस सिंडीकेट की जांच करेगा। इसके लिए ईडी ने खाद्य सुरक्षा एवं […]

Read More
Uttar Pradesh

गाजियाबाद में 410 करोड़ का फर्जी इनवॉइस रैकेट ध्वस्त

वकील विनय सिंह अकेले चला रहा था 40 फर्मों का नेटवर्क, 73 करोड़ का ITC लूटा गाजियाबाद । सीजीएसटी गाजियाबाद आयुक्तालय की एंटी-इवेजन टीम ने 410 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी इनवॉइस रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस संगठित धोखाधड़ी में 73.70 करोड़ रुपये का अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लिया गया। हैरानी की बात […]

Read More