चल रहा है बहुत ही पुण्य मास, करें केवल दो छोटे उपाय और पायें सुख, शांति और स्थिर लक्ष्मी

पापरूपी ईंधन को अग्नि की भाँति जलाने वाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यानी चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है वैशाख मास, जानें इसका महात्म्य

पं. उमाशंकर मिश्र ‘शास्त्री’

वैशाख मासः पद्म पुराण के अनुसार इस मास में भक्तिपूर्वक किये गये दान, जप, हवन, स्नान आदि शुभ कर्मों का पुण्य अक्षय तथा सौ करोड़ गुना अधिक होता है।

वैशाख मास सुख से साध्य, पापरूपी ईंधन को अग्नि की भाँति जलानेवाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष – चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है। देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : ‘‘राजन् ! जो वैशाख में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं। पाप तभी तक गरजते हैं जब तक जीव यह पुण्यस्नान नहीं करता।

वैशाख मास में सब तीर्थ आदि देवता बाहर के जल (तीर्थ के अतिरिक्त) में भी सदैव स्थित रहते हैं। सब दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल होता है, उसीको मनुष्य वैशाख में केवल जलदान करके पा लेता है। यह सब दानों से बढकर हितकारी है।

व्यतिपात योगः

25 अप्रैल 2024 गुरुवार को प्रात: 04:32 से 26 अप्रैल, शुक्रवार को प्रात: 04:05 तक व्यतिपात योग है। वाराह पुराण के अनुसार व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है। जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका एक लाख गुना फल मिलता है।

आरती में कपूर का उपयोग

कपूर – दहन में बाह्य वातावरण को शुद्ध करने की अदभुत क्षमता है। इसमें जीवाणुओं, विषाणुओं तथा सूक्ष्मतर हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने की शक्ति है। घर में नित्य कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है, शरीर पर बीमारियों का आक्रमण आसानी से नहीं होता, दु:स्वप्न नहीं आते और देवदोष तथा पितृदोषों का शमन होता है।

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बत्तीसी पूर्णिमा व्रत: सुख-समृद्धि और मोक्ष का दुर्लभ अवसर

राजेन्द्र गुप्ता मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा सनातन धर्म में सर्वोत्तम पूर्णिमा मानी जाती है। भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में स्वयं कहा है – “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”। इसी पावन तिथि से शुरू होने वाला 32 पूर्णिमाओं का अनुष्ठान “बत्तीसी पूर्णिमा व्रत” कहलाता है। इस वर्ष यह शुभारंभ 4 दिसंबर 2025 को हो रहा है। बत्तीसी पूर्णिमा व्रत […]

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पिशाचमोचन श्राद्ध: प्रेतयोनि से मुक्ति का पावन अवसर

राजेन्द्र गुप्ता हिंदू धर्म में पितरों की शांति और उनकी सद्गति के लिए कई विशेष श्राद्ध तिथियाँ निर्धारित हैं। इन्हीं में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है पिशाचमोचन श्राद्ध। यह श्राद्ध मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पवित्र तिथि 3 दिसंबर, बुधवार को है। खास तौर […]

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मत्स्य द्वादशी आज है जानिए पूजा विधि और शुभ तिथि व महत्व

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