दो टूक : पहली बार नौटंकीबाज को मिला उससे भी बड़ा तमाशबीन

राजेश श्रीवास्तव

पिछले तीन दिनों से देश में जो चल रहा है वह ऐतिहासिक है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए की गयी, यह देश में पहला मौका है। हालांकि देश में सत्तारूढ़ भाजपा समेत तमाम लोग केजरीवाल को दिल्ली शराब कांड का मास्टरमाइंड साबित करने में जुटे हैं। मानो इडी का ब्रांच आफिस भाजपा मुख्यालय में ही हो क्योंकि ईडी की प्रेस की कापी मुझे भी कुछ भाजपा के मित्रों ने वाट्सएप किया। केजरीवाल दोषी हैं यह तो पता नहीं चलने वाला, क्योंकि सत्येंद्र जैन के बारे में तीन साल से, मनीष सिसोदिया के बारे में तकरीबन दो साल से और सांसद संजय सिंह से तकरीबन छह महीने से अब तक कुछ नहीं पता चला है। यह बात दूसरी है कि अब केजरीवाल भी जेल के सलाखों के पीछे जायेंगे, यह तय है।

यह कानून ही ऐसा है जिसमें जमानत संभव नहीं है। देश पहली बार ऐसे कानून को नहीं देख रहा इससे पहले भी कई कानून ऐसे आ चुके हैं, जिन्हें अब खत्म किया जा चुका है। कानून के चलते आप नेताओं को जेल से छुटकारा मिलेगा, यह फिलहाल तो असंभव दिख रहा है। कोई ईडी से यह नहीं पूछने वाला कि कोई सुबूत वो तीन साल से इस केस में क्यों नहीं पश कर सकी। क्यों टàायल नहीं शुरू हुआ। आबकारी नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविद केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाना सही है या गलत- यह प्रशासनिक और न्यायिक विमर्श का विषय है। लेकिन आम चुनाव 2024 के ठीक पहले और देश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के तत्काल बाद जिस तरह से उन्हें गिरफ्तार किया गया, यह भारतीय लोकतंत्र और सियासत के लिए कोई शुभ संकेत नहीं है!

दूसरी तरफ क्या इडी को सिर्फ शराब कांड में ही घोटाला दिख रहा है। देश के सामने सुप्रीम कोर्ट की बदौलत एक बड़ा घोटाला सामने आया है लेकिन उस पर चर्चा को दबाने के लिए जिस तरह से केजरीवाल प्रकरण को तूल दी जा रही है, वह भी देश देख रहा है। इडी इस बात की जांच क्यों नहीं करती कि जिन-जिन कंपनियों ने भाजपा को चुनावी चंदा दिया उनके पास इतनी बड़ी रकम कहां से आयीं और उन्होंने ईडी की जांच में फंसने के बाद भाजपा को इतना बड़ा चंदा क्यों दिया, कहां से दिया। लेकिन ईडी के अधिकारियों की इतनी हैसियत कहां कि वह इस तरफ मामला भी दर्ज कर सके। क्योंकि कानून तो सिर्फ विपक्ष के लिए है। शायद भाजपा ने सही कहा था कि इस बार 400 पार । क्योंकि अगर विपक्ष रहेगा तो 400 पार कैसे होगा, इसी तरह तो मिलेगा प्रचंड बहुमत । कांग्रेस का खाता सीज, आप नेता जेल में। अभी तो बिहार की बारी बाकी है। शायद जल्द ही वह तस्वीर भी देश के सामने आयेगी।

लेकिन सत्ता के अहंकार में चूर भाजपा यह भूल गयी है कि इस बार उसका मुकाबला उस मुख्यमंत्री से है जिसके राज में वह दो राज्यों में एमसीडी में अपना मेयर तक नहीं बनवा सकी है। भले ही वह पूरे देश को बरगलाने में कामयाब रही हो। भाजपा के नेता चाहे जितनी नौटंकी जनता के सामने करे हैं लेकिन इस बार उनका मुकाबला उनसे बड़े तमाशबीन से है, अभी तक जेल से कैसे सरकार चलेगी, यह भाजपा देखो और अगर एलजी सरकार गिराते हैं तो भी कुल मिलाकर इस पूरे मुद्दे पर केजरीवाल पूरी भाजपा की टीम पर भारी पड़ते दिखायी दे रहे हैं, क्योंकि आप किसी को अनंतकाल तक जेल में नहीं रख सकते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले देश में जिस तरह का माहौल खड़ा हो गया है, वह 400 पार के आंकड़े पर पलीता जरूर लगायेगा। बस देखते जाइये आगे-आगे कौन-कौन से रंग दिखेंगे।

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