समस्त संकटों के निवारण के लिए विनायक चतुर्थी व्रत,

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता

भारतीय हिन्दू महीनें में प्रत्येक चंद्र माह में दो चतुर्थी तीथियां होती हैं। कृष्ण पक्ष के दौरान संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष के दौरान विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इसके उपवास को सख्त माना जाता है और केवल फल, जड़ें जैसे आलू इत्यादि और वनस्पति उत्पादों का सेवन करना चाहिए।

शुक्ल पक्ष चतुर्थी पर पूजा का शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर 2023 प्रातः 1:26 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर 2023 प्रातः 1:12 बजे

कैसे करें विनायक चतुर्थी के दिन गणेशजी का पूजन:-

  • श्रीविनायक चतुर्थी के दिन ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
  • दोपहर पूजन के समय अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
  • संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें।
  • तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं।
  • अब गणेश मंत्र- ‘ॐ गं गणपतयै नम:’ बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं।
  • श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं।
  • इनमें से 5 लड्डुरओं का ब्राह्मण को दान दें तथा 5 लड्डूी श्रीगणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें।
  • पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
  • ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें। अपनी शक्ति हो तो उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें।
  • शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें।
  • संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें।
  • ‘ॐ गणेशाय नम:’ मंत्र की कम से कम 1 माला अवश्य जपें।

कैसे रखें विनायक चतुर्थी का व्रत

  • चतुर्थी तिथि के दिन सुबह उठकर स्नान व ध्यान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
  • फिर हाथ में चावल व जल लेकर व्रत रखने का संकल्प करें।
  • चतुर्थी को पूर्णोपवास नहीं रख रहे हैं तो एक समय भोजन कर सकते हैं।
  • एक समय भोजन कर रहे हैं तो दूसरे समय फरयाली नहीं खाना चाहिए।
  • निर्जल व्रत के साथ-साथ फल खा सकते हैं। इसमें आप मीठे फलों का सेवन कर सकते हैं।
  • इस दिन सायंकाल श्रीगणेश पूजन के बाद पारण करें।

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