
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
नरेंद्र मोदी का एक और संकल्प पूरा हुआ। लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी नारी शक्ति वंदन संविधान संशोधन विधेयक पारित हुआ। सत्ताइस वर्षों का सपना साकार होगा। यह सही है कि अभी इसके क्रियान्वयन मे समय लगेगा। लेकिन इसका पहला और निर्णयक चरण पार कर लिया गया है। इस विधेयक पर पिछले अनुभव देखते हुए नरेंद्र मोदी सही समय का इंतजार कर रहे थे। जिस विधेयक पर हंगामे को अपरिहार्य मान लिया गया था, वह मात्र दो दिन में दोनों सदनों से पारित हो गया।
इसी प्रकार अनुच्छेद 370 को हटाना असंभव मान लिया गया था। नरेंद्र मोदी के संकल्प से उसे भी दो दिन में हटा दिया गया था। महिला आरक्षण पर विपक्ष के भाषण पहले जैसे थे। उसमें कांग्रेस भी शामिल हो गई। पिछड़ों का नेता बनने की जोर आजमाइश चल रही थी। इंडी एलायंस नेता एक दूसरे को पछाड़ने में लगे थे। वैसे पिछड़े वर्ग की महिलाओं को चुनाव में तैतीस प्रतिशत टिकट देने का कार्य तो ये दल 2024 में भी कर सकते है।