हिमाचल प्रदेश: सेब किसानों के लिए आपदा में अवसर बनी निजी कंपनियां, ऊंचे दामों पर हो रही सेब खरीदी

प्राकृतिक त्रासदी के बीच हिमाचल प्रदेश के सेब किसानों के चेहरे पर रौनक लौटने लगी है। स्थानीय मंडियों के मुकाबले किसानों को इस बार भी निजी कंपनियों के माध्यम से अधिक मुनाफा मिलने के साथ-साथ अन्य कई सुविधाएं भी मिल रही हैं। अदाणी एग्री फ्रेश ने संशोधित दामों के बाद पहले दिन ही रोहड़ू और रामपुर प्रोक्योरमेंट सेंटर्स में 200 मीट्रिक टन सेब की खरीद की है। कंपनी ने सैंज प्रोक्योरमेंट सेण्टर भी चालू कर दिया है, जहां एक सितम्बर से खरीदी शुरू होगी। वहीं कंपनी ने इस साल अपने तीनों प्रोक्योरमेंट सेंटर्स पर कुल 25 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदी का लक्ष्य रखा है, और पिछले साल की तुलना में 19 रुपये अधिक में सेब खरीद रही है, जिससे स्थानीय किसानों में उत्साह बना हुआ है।

स्थानीय किसानों ने फर्जी ख़बरों को नकारा

इससे पूर्व अदाणी एग्री फ्रेस की कीमतों को लेकर कई भ्रामक खबरें देखने को मिल रही थी, जिसका खंडन स्थानीय किसानों द्वारा भारी संख्या में रोहड़ू और रामपुर प्रोक्योरमेंट सेंटर्स पर पहुंच कर किया गया। किसानों का कहना है कि अदाणी एग्री फ्रेस की कीमतें मंडियों द्वारा तय किये गए मूल्य से तो ज्यादा हैं ही, साथ ही क्रेटस, पैकेजिंग मटेरियल, कोई लोडिंग व अनलोडिंग शुल्क नहीं, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी, मौसम तथा फसलों पर सालभर अपडेट जैसी सुविधाओं ने भी कंपनी के प्रति सेब किसानों की लोकप्रियता बढ़ाई है।

बड़ी बचत के साथ नो रिजेक्शन पॉलिसी

वहीं इस साल आपदा के कारण किसानों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए, AAFL नो रिजेक्शन पॉलिसी अपना रही है। कंपनी ने सेबों के उचित मानकों पर खरा न उतरने पर अस्वीकार न करने का फैसला लिया है। अदाणी द्वारा जारी कीमतों के बाद किसान अब आसानी से 20 से 25 रूपये प्रति किलो से अधिक की बचत कर सकते हैं। AAFL के नियमों के अनुसार, सेब उत्पादकों को पैकेजिंग मटेरियल, क्रेटस आदि का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा। बता दें कि कंपनी ने दो रोज पूर्व ही प्रति किलो सेब की खरीदी 105 रुपये पर करने की घोषणा की है।

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