रिटायर होने से पहले बगैर टेंडर-वर्क आर्डर के करा दिया लाखों का काम!

कराए गए काम के भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे ठेकेदार

जेल प्रशिक्षण संस्थान में अफसरों का बड़ा खेल


आर के यादव


लखनऊ। न कोई टेंडर, न कोई वर्क आर्डर के एक सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी ने लाखों रुपए की खरीद-फरोख्त के साथ निर्माण कार्य करा दिया। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन विभाग के दस्तावेज से सच की पुष्टिï करते नजर आ रहे है। दिलचस्प बात तो यह है कि खरीद फरोख्त और निर्माण कार्य कराए जाने के बाद अधिकारी के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद से ठेकेदार कराए गए निर्माण कार्य और आपूर्ति के भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरे खाने का मजबूर है। यह मामला विभागीय अफसरों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकले लगाई जा रही हैं।

मामला प्रदेश कारागार मुख्यालय के निकट स्थित सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान से जुड़ा हुआ है। प्रदेश के अकेले इस कारागार प्रशिक्षण संस्थान में प्रदेश ही नहीं देश भर की जेलों के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण संस्थान का संचालन निदेशक करता है। निदेशक पद पर अपर महानिरीक्षक/ उपमहानिरीक्षक तैनात किया जाता है। बताया गया है कि वर्ष-2021 में जेल मुख्यालय मे तैनात डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी को जेल मुख्यालय के साथ ही साथ प्रशिक्षण संस्थान (जेटीएस )और प्रयागराज जेल परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार सांैपा गया। 28 फरवरी 2023 को जेल मुख्यालय के साथ अन्य प्रभार देख रहे डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी सेवानिवृत्त हो गए।

सूत्रों का कहना है कि सेवानिवृत्त होने से पूर्व प्रभारी निदेशक ने जे प्रशिक्षण संस्थान में तैनात रहने के दौरान संस्थान परिसर में सुरक्षाकर्मियों के आवासों में टाइल्स लगवाने के साथ ही साथ कमोट भी लगवाए। इसके साथ ही प्रशिक्षण संस्थान में निर्मित 34 कमरों के लिए दो-दो गद्दे और दो-दो तकिया के साथ कुर्सियों की खरीद-फरोख्त की गई। सूत्रों की माने तो संस्थान परिसर में लाखों रुपए के निर्माण कार्यों के लिए न तो कई टेंडर कराया गया और न ही कोई वर्क आर्डर जारी किया गया। करीब 50 लाख रुपए की लगात से किए गए खरीद-फरोख्त और निर्माण कार्य सेवानिवृत्त होने पहले करा दिया गया। बताया गया है कि संस्थान परिसर में कराए गए निर्माण कार्य और खरीद-फरोख्त का टेंडर व वर्क आर्डर नहीं होने से कई ठेकेदारों का अभी तक पेमेंट नहीं हो पाया है। पेमेंट के लिए ठेकेदार जेल मुख्यालय और जेल प्रशिक्षण संस्थान के चक्कर काट रहे हैं।

जांच के बाद होगी दोषी अफसर पर कार्रवाई

सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान में बगैर टेंडर और वर्क आर्डर के लाखों रुपए का काम कराए जाने के सवाल पर जब जेल मुख्यालय के डीआईजी अरविंद कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण संस्थान स्वायत संस्था है। इसके कार्य के लिए मुख्यालय का कोई उत्तरदायित्व नहीं होता है। जब उनसे पूछा गया कि एक लाख रुपए से अधिक के काम के लिए मुख्यालय से अनुमोदन लिया जाना आवश्यक होता है। तो उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध ली। एक अन्य वरिष्ठï अधिकारी से ठेकेदारों का भुगतान नहीं होने के बारे में बताया कि यदि उन्हें कोई शिकायत मिलेगी तो उसकी जांच कराई जाएगी और भुगतान भी कराया जाएगा।

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