- डिप्टी CM ने मामले की जांच के दिए निर्देश
- बहराइच में झोलाछाप के गलत इलाज से फैला संक्रमण
- जिलाधिकारी और सीएमओ करेंगे मामले की जांच
लखनऊ। बहराइच में झोलाछाप के गलत इलाज से 10 साल की मासूम को अपना दाहिना पैर गंवाना पड़ा। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी और सीएमओ घटना की जांच कर, उप मुख्यमंत्री को रिपोर्ट प्रेषित करेंगे। झोलाछाप के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बहराइच स्थित मोतीपुर के दौलतपुर गाँव निवासी अरविन्द गुप्ता की 10 वर्षीय बेटी रिम्मी गुप्ता सड़क हादसे में जख्मी हो गई थी। दाहिने पैर में गंभीर चोट आई थी। अभिभावकों ने रिम्मी को खैरीघाट के रामपुर चौराहे पर संचालित क्लीनिक ले गये।
यहाँ झोलाछाप ने पैर में फ्रैक्चर बताया। प्लास्टर चढ़ाने की सलाह दी। अभिभावकों ने प्लास्टर चढ़ाने को कहा। झोलाछाप ने प्लास्टर चढ़या। कुछ दवाएं खाने को दी। प्लास्टर के बाद रिम्मी के पैर में सड़न शुरू हो गई। संक्रमण लगातार बढ़ता गया। इसके बाद अभिभावक बेटी को लेकर केजीएमयू आर्थोपैडिक्स विभाग आये। यहां डॉक्टरों ने जरूरी जांच कराईं। जांच में गंभीर संक्रमण की पुष्टि हुई। बच्ची की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने रिम्मी का संक्रमित पैर काटने की सलाह दी। पिता अरविन्द ने ऑपरेशन की अनुमति दी। अरविन्द ने झोलाछाप की शिकायत डिप्टी सीएम, जिलाधिकारी और सीएमओ से की। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मामले को गंभीरता से लिया। डिप्टी सीएम ने कहा कि जिलाधिकारी और सीएमओ तत्काल मामले की जांच करें। दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
पोस्टमार्टम में देरी की जांच होगी
डिप्टी सीएम ने बलिया के जिला अस्पताल में मरीज की संदिग्ध मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम में देरी संबंधी प्रकरण का संज्ञान लिया है। उप मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ मंडलीय निदेशक को उक्त प्रकरण की जांच कर पूरी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर मांगी गयी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही का कोई स्थान नहीं, दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
एम्बुलेंस की लेटलतीफी पर जवाब मांगा
आगरा में एंबुलेंस देरी से पहुँचने का प्रकारण सामने आया है। डिप्टी सीएम ने इसे लापरवाही मानते हुए जाँच के आदेश दिए हैं। सभी जरूरतमंदों को समय पर एम्बुलेंस मुहैया कराई जाए। इसमें कहां चूक हुई? एम्बुलेंस किन कारणों से देरी से मरीज को मिली? पूरे प्रकरण की जाँच होगी।