हर दिन कुछ खास लेकर आता है। इस दिन क्या पर्व है और क्या तिथि है, इस बारे में जान लेने से हमें कई फायदे होते हैं। एक दिन के अंदर एक बार राहुकाल आता है, जो हमें कहता है कि इस समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी है। साथ ही पंचाग हमें ये भी बताता है कि आज किस दिशा की ओर दिशाशूल है। यदि हमें मजबूरन यात्रा भी करनी है, तो वह उसका निदान भी बताता है। इसलिए नया लुक आपको नित्य पंचाग देता है, देखिए और लाभ लीजिए।
दिनांक – 22 मार्च 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2080
शक संवत – 1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ॠतु
मास – चैत्र
पक्ष – शुक्ल
तिथि – प्रतिपदा रात्रि 09:23 तक तत्पश्चात द्वितीया
नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद शाम 04:27 तक तत्पश्चात रेवती
योग – शुक्ल सुबह 10:09 तत्पश्चात ब्रह्म
राहुकाल – दोपहल 12:00 से दोपहर 01:30 तक
सूर्योदय- 05:59
सूर्यास्त – 18:01
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – राष्ट्रीय चैत्री नूतन वर्ष वि॰सं॰ 2080 प्रारंभ,शालिवाहन शक 1945 प्रारंभ,गुडी पड़वा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त),ध्वजारोहण,चैत्री -वासंती नवरात्रि प्रारंभ,चंद्र-दर्शन (शाम 06:51 से रात्रि 07:34 तक)