उमेश तिवारी
सोनौली/महराजगंज। पिछले तीन महीने में लॉरेंश बिश्नोई गैंग के सदस्यों से पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की जा रही है। पूछताछ में यह पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग अपने गैंग को इस तरीके से ऑपरेट करता था, ताकि आम जनता के मन में एक खौफ पैदा हो। गैंगेस्टर-आतंकी गठजोड़ पर काम करते हुए एनआईए की टीम देश के अलग-अलग 70 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। गैंगेस्टर-आतंकी गठजोड़ को तोड़ने के लिए पिछले छह महीने में एनआईए की ये तीसरी बड़ी छापेमारी है। पिछले तीन महीने में लॉरेंश बिश्नोई गैंग के सदस्यों से पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की जा रही है। पूछताछ में यह पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग अपने गैंग को इस तरीके से ऑपरेट करता था, ताकि आम जनता के मन में एक खौफ पैदा हो।
दरअसल, लॉरेंस बिश्नोई समेत कई गैंगेस्टरों से एनआईए रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही थी, जिसमें कुछ प्रमुख जानकारियां सामने आईं। लॉरेंस और उस जैसे गैंगस्टर के हथियार नेटवर्क के भी बारे में जांच एजेंसियों ने पूरा ब्यौरा तैयार किया है। ऐसे ही खुर्जा के पास दो करोड़ के हथियार खरीद का जिक्र है। जांच एजेंसी ने बकायदा उन लोगों की पहचान की जिससे लॉरेंस और उसके गैंग ने पैसा उगाही का धंधा शुरू किया था। इनमें आम लोग, बिजनेसमैन, सिंगर, डॉक्टर, अवैध माइनिंग करने वाले, शराब का धंधा करने वाले, हथियार का धंधा करने वाले और ड्रग नेटवर्क चलाने वाले लोग शामिल थे।
पंजाब में गैंगेस्टरों के उगाही धंधे से पैसों से एक ओर तो हथियार खरीदा जाता है और दूसरी ओर हवाला के जरिए विदेश में बैठे उनके सहयोगियों को यह रकम पहुंचाई जाती है। उगाही का धंधा तीन तरीके से काम करता है। जांच एजेंसियों के मुताबिक हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में इन लोगों ने अलग-अलग लोगों को निशाना बनाया था। जांच एजेंसियों ने गैंगेस्टरों के वसूली के धंधे की जब गहराई से तफ्तीश की तो यह भी पता चला यह वसूली सट्टेबाजों, फाइनेंसर, दर्जी, मॉल ऑनर, क्रशर कारोबारी और प्रॉपर्टी डीलर तक से की जाती थी। लॉरेंस और उसके गैंगेस्टरों का कच्चा-चिट्ठा का राज 75 मोबाइल फोन में छुपा हुआ है, जो पिछले तीन महीने में जांच एजेंसियों ने अलग-अलग गैंगस्टरों के यहां छापेमारी के दौरान जब्त किए हैं।