दिल्ली में होगा ‘माई साड़ी माई प्राइड’ उत्सव का आयोजन: पीयूष गोयल
काशी का तमिलनाडु से गहरा नाता है: गोयल
दो दिवसीय टेक्सटाइल कॉन्क्लेव के दौरान कपड़ा क्षेत्र का रोडमैप तैयार किया जाएगा,
नई दिल्ली। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को 2030 तक 100 बिलियन अमरीकी डालर के कपड़ा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने का विश्वास है। काशी तमिल संगमम के तहत आयोजित दो दिवसीय टेक्सटाइल कॉन्क्लेव के दौरान मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भारत की हाथ से बुनी 75 तरह की साड़ियों का प्रदर्शनी का आयोजन नई दिल्ली में किया जा रहा है। यह आयोजन अपने आप में अनूठा होगा। इस प्रदर्शनी का नाम ‘माई साड़ी माई प्राइड’ रखा गया है जहां हाथ से बुनी पटोला, बनारसी, पैठानी, कांजीवरम और अन्य साड़ियों का प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के जनपथ हाट में 16 दिसंबर से शुरू होने वाले इस महोत्सव में देश भर के बुनकर हिस्सा लेंगे।गोयल ने काशी के तमिलनाडु के साथ गहरे संबंध की चर्चा की और कहा कि उन्हें देव दीपावली पर काशी में फूटे पटाखों की याद आती है। जो शिवकाशी से आता है। इसी तरह तमिलनाडु में तेनकाशी, जो अपने विशाल कपड़ा क्षेत्र के लिए भी जाना जाता है। काशी के साथ गहरा संबंध है। उन्होंने कहा कि काशी का संबंध तमिलनाडु से है और काशी पर तमिलनाडु का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि करीब 2000 साल पहले चेतिनाद समूह के लोग काशी आए थे और तभी से यूपी राज्य का हिस्सा बन गए। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय टेक्सटाइल कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए देश भर से कपड़ा क्षेत्र का प्रतिनिधिमंडल काशी पहुंचा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रतिभागियों के साथ बैठकों और चर्चाओं के बाद सेक्टर के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।