पहले तीन दिसंबर को होनी थी जारी, जारी न होने से हैं निराश
कई माह से होर्डिंग, बैनर, पोस्टर चस्पा कर मतदाताओं की कर रहे थे परिक्रमा
सिद्धार्थनगर। नगर निकाय की अधिसूचना तो दूर अब तक अध्यक्षों के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। अब तक आरक्षण सूची अधर में लटकी रहने से महीनों से प्रचार प्रसार में लगे दावेदार घर बैठ गए हैं। मनमाफिक आरक्षण नहीं मिला तो अब तक की मेहनत व खर्च पर पानी फिर जाएगा। नगर निकाय चुनाव को लेकर वार्डों की आरक्षण सूची जारी हो चुकी है। आपत्तियां व सुझाव लिए जा रहे हैं।
अध्यक्ष को लेकर आरक्षण सूची तीन दिसंबर को जारी होने की संभावना थी लेकिन अचानक उसे टाल दिया गया था। सुबह से ही आरक्षण को लेकर मंथन करने वाले दावेदारों को जब जानकारी हुई। कि आरक्षण सूची अधर में लटक गई तो वह घरों पर बैठ गए। जिले की 11 निकाय दो नगर पालिका परिषद व नौ नगर पंचयतों में पिछले कई माह से अध्यक्ष के दावेदार अपने गुणगणित से आरक्षण तय कर प्रचार-प्रसार में लगे थे। बड़े-बड़े होर्डिंगस, बैनर, पोस्टर मुख्य मार्गों से लेकर गलियों में नजर आने लगे थे।
दावतों का दौर शुरू हो चुका था- सुबह से शाम तक मतदाताओं की परिक्रमा शुरू हो चुकी थी। तीन दिसंबर को आरक्षण सूची नहीं आई तो वह निराश हो गए। अब तक अपने टिकट को पक्का मान कर जोर-शोर से प्रचार करने वाले घरों पर बैठ गए हैं। आरक्षण किस करवट बैठेगा यह जारी होने के बाद पता लगेगा। दोवदार अब और खर्च करने की बजाए खामोशी अख्तियार करने में ही भलाई समझ रहे हैं। शहर के एक अध्यक्ष पद के दावेदार कहते हैं बहुत खर्च कर दिया और और बेवजह खर्च करने का मन नहीं है। सामान्य नहीं हुई तो सब बर्बाद हो जाएगा।