हंसना हंसना, रास्ता काट देना.. जिंदगी ऐसे ही चलती है। सुख मिले या गम बदलेगा न हम दुनिया बदलते रहेंगे। परिस्थिति कैसी भी हो, आप सभी को अपने चेहरे से हंसी को गायब नहीं होने देना चाहिए। क्योंकि हाल ही में 150 शोध पत्रों पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि हंसी एक प्राकृतिक उपकरण है जो हमें स्वस्थ रखता है। जी हां, रिसर्च के मुताबिक खुश रहने से शरीर का दर्द, मानसिक तनाव, डिप्रेशन कम होता है। रक्तचाप भी संतुलित रहता है। इतना ही नहीं दिल की बीमारी का खतरा 26 फीसदी और हार्ट अटैक का खतरा 73 फीसदी तक कम हो जाता है।हंसने के इतने फायदे हैं कि आप गिनते-गिनते थक जाएंगे। खुश रहने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे इम्युनिटी लेवल 52% तक बढ़ जाता है और शरीर की हीलिंग पावर भी बढ़ जाती है।
वहीं अगर भावनाएं नकारात्मक हों तो व्यक्ति क्रोधी और चिड़चिड़े हो जाता है और तनाव के कारण चिंता का शिकार हो जाता है। शरीर की नकारात्मक ऊर्जा शारीरिक नुकसान करती है। लोगों के रिश्ते भी खराब हो जाते हैं और फिर अकेलापन उन्हें डिप्रेशन के गहरे अंधेरे में ले जाता है। जब स्ट्रेस लेने के इतने दुष्परिणाम होने के बावजूद हमारे देश में 42% लोग ऐसे हैं जो तनाव में रहते हैं और उनमें पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है। जब खुश रहने के इतने फायदे हों तो विजयादशमी के दिन संकल्प लें कि रावण दहन की तरह आप सभी भी अपने अंदर नकारात्मक भावनाओं, तनाव, अवसाद जैसी तमाम बुराइयों को जला देंगे। क्योंकि जीवन में परेशानियां आती-जाती रहेंगी। लेकिन अगर आप हंसमुख हैं तो सभी मुश्किलों का सामना करना आसान हो जाएगा। तो आइए चलते हैं स्वामी रामदेव के पास जो हमेशा खुद पर मुस्कुराते हैं और लोगों को भी मुस्कुराने के लिए प्रेरित करते हैं। (BNE)