रतन गुप्ता
गोरखपुर। गोरखपुर में सांसद निधि का काम भी बिजली इंजीनियरों ने बिना टेंडर और अनुबंध के ही करा डाला। काम होने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई तभी साहब का तबादला हो गया। 08 साल से भुगतान न होने पर मामला चेयरमैन से लेकर सीएम पोर्टल तक पहुंचा तब सवाल जवाब शुरू हुआ है। गले की फांस बने इस तरह के दो फर्मों के मामलों में इंजीनियरों को जवाब देते नहीं सूझ रहा है। बिना टेंडर के काम कराने का कारनामा ग्रामीण वितरण खंड प्रथम में वर्ष 2013-16 के बीच हुआ। बांसगांव सांसद कमलेश पासवान ने 13-14 में चौरीचौरा क्षेत्र के 10 गांवों में विद्युतीकरण के लिए 60 लाख अपनी निधि से दिया। खंड के तत्कालीन एक्सईएन ने कुछ दिनों तक काम नहीं कराया। दबाव पड़ने पर आनन-फानन में मेसर्स साई ट्रेडिंग कंपनी को जिम्मेदारी सौंपकर बिना अनुबन्ध ही काम शुरू करा दिया गया।
ठेकेदार की शिकायत पर सीएम पोर्टल ने मांगा जवाब
मेसर्स साई ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर संजय सिंह ने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है कि उनसे ग्रामीण वितरण खण्ड प्रथम के एक्सईएन ने वर्ष-2013-14 में सांसद व विधायक निधि के तहत 60 लाख से चौरीचौरा क्षेत्र के 10 गांवों में विद्युतीकरण कराया। इतना ही नहीं नकद जमा योजना में भी 45 लाख का काम बिना टेण्डर के कराया गया। 2013-14 से 20-17 के दौरान बिजिनेस प्लान के तहत 90 लाख रुपये का काम भी बिना टेण्डर के कराया गया। एक्सईएन का तबादला होने के बाद एसई कार्यालय ने टेण्डर नहीं किया। इस शिकायत का संज्ञान लेकर शासन ने खण्ड प्रथम के एक्सईएन से जवाब तलब किया है। मुख्य अभियंता गोरखपुर जोन, ई. एके सिंह ने कहा कि चेयरमैन ने रिपोर्ट मांगी है। उनके निर्देश पर शहरी व ग्रामीण मंडल के एसई को पत्र भेजकर जवाब मांगा है। अबतक किसी ने जवाब नहीं दिया है। एक ठेकेदार कोर्ट भी गया है। उससे भी अभियंताओं ने बिना टेंडर कराए ही काम करा लिया है।
चेयरमैन से शिकायत
ऊर्जा निगम के चेयरमैन यहां आए थे तो बिजली ठेकेदार कल्याण संघ ने उन तक मामला पहुंचा दिया। चेयरमैन ने सीई से रिपोर्ट मांगी ली। सीई ने शहरी व ग्रामीण मण्डलों के एसई को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा।