अफसरों की तैनाती में जेल मुख्यालय व शासन का अजब-गजब कारनामा
पांच केंद्रीय कारागारों में चार पर कोई वरिष्ठ अधीक्षक नहीं तैनात
राकेश यादव
लखनऊ। जेलर वाली जेल पर अधीक्षक, अधीक्षक वाली जेल पर जेलर, वरिष्ठ अधीक्षक वाली जेेल पर अधीक्षकों की तैनाती को लेकर विभागीय अधिकारियों ने पशोपेश की स्थिति बनी हुई है। शासन एवं जेल मुख्यालय के इस पक्षपातपूर्ण रवैये से जेलों की व्यवस्था सुधरने के बजाए बिगड़ती जा रही है। अफसरों की तैनाती को लेकर विभागीय अफसरों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है। चर्चा है कि जेल मुख्यालय में अधिकारियो की तैनाती का कोई मानक रह ही नहीं गया है। यही वजह है कि जेलों में घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में पांच केंद्रीय कारागार है। इन कारागारों में एक जेल को छोडक़र किसी जेल पर वरिष्ठ अधीक्षक तैनात नहीं है। केंद्रीय कारागार आगरा में वरिष्ठï अधीक्षक वीके सिंह (Promoted DIG )के रिटायर होने के बाद इस जेल पर अभी तक कोई वरिष्ठï अधीक्षक तैनात नहीं किया गया है। इसी प्रकार केंद्रीय कारागार फतेहगढ़, केंद्रीय कारागार वाराणसी, केंद्रीय कारागार बरेली, राजधानी की आदर्श कारागार में वरिष्ठï अधीक्षक तैनात नहीं है। प्रयागराज की नैनी जेल को छोडक़र अन्य जेलें वरिष्ठ अधीक्षकविहीन हैं। इटावा में नवनिर्मित केंद्रीय कारागार में वरिष्ठï अधीक्षक की तैनाती तो कर दी गई लेकिन व केंद्रीय कारागार के बजाए जिला जेेल का प्रभार संभाल रहे हैं। इसी प्रकार प्रदेश की मंडलीय कारागार बांदा, मंडलीय कारागार बस्ती, मंडलीय कारागार गोंडा, मंडलीय कारागार आजमगढ़ में कोई वरिष्ठ अधीक्षक तैनात नहीं है। इन जेलों का प्रभार जेलर के कंधों पर है।
सूत्रों का कहना है कि जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने जिन छोटी जेलों को जेलर आसानी से संचालित कर सकते हैं। उन जेलों पर तो अधीक्षक तैनात कर रखे हैं वहीं अतिसंवेदनशील जेलों की जिम्मेदारी जेलर के भरोसे चल रही है। सोनभद्र, मऊ, बलरामपुर, बहराइच जेल पर तो अधीक्षक तैनात है लेकिन अतिसंवेदनशील बांदा, आजमगढ़ एवं एशिया की एक मात्र कैदियों की पुृनर्वास के लिए चर्चित राजधानी की आदर्श कारागार में पिछले करीब दो-ढाई साल से अधीक्षक तैनात ही नहीं किया गया है। इन जेलों की जिम्मेदारी जेलर के कंधो पर हैं। इन तैनातियों को लेकर विभागीय अफसरों में तमाम तरह की अटकले लगाई जा रही है। इस संबंध में जब DIG जेल मुख्यालय शैलेंद्र मैत्रेय से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वरिष्ठï अधीक्षक, अधीक्षक की तैनाती शासन से होती है। जेलर, डिप्टी जेलर समेत अन्य संवर्गो की तैनाती जेल मुख्यालय से होती है। विभाग में अफसरों की कमी की वजह से कई जेलों पर मानक के अनुसार तैनाती नहीं हो पाई है।