अस्पताल के बाहर गुस्साए लोगों का प्रदर्शन
विधायक की वाहन में की तोड़फोड़
धामी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। 19 वर्षीय अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में जैसे ही एसडीआरएफ टीम शव को नहर से बाहर निकाला तो लोगों का ग़ुस्सा फूट पड़ा और ऋषिकेश के एम्स बाहर भारी संख्या एकत्र होकर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी दौरान सायरन बजाती विधायक की वाहन एम्स पहुंची तो लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा। इस मामले में धामी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आरोपी पुलकित आर्य के भाई अंकित की पिछड़ा आयोग से छुट्टी किए जाने का फरमान जारी किया। अंकित आर्य पिछड़ा वर्ग आयोग का उपाध्यक्ष है। उत्तराखंड के ऋषिकेश में अंकिता भंडारी की हत्या कर शव नहर में फेंके जाने की खबर से सनसनी फ़ैल गई। एसडीआरएफ टीम ने शनिवार सुबह अंकिता भंडारी का शव ऋषिकेश क्षेत्र स्थित चीला नहर से बरामद कर लिया है। एसडीआरएफ के अफसरों ने अंकिता भंडारी के शव को चिला नहर से बरामद किए जाने की पुष्टि की है।
बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले की जांच-पड़ताल एसआईटी टीम करेगी। बताते चलें कि शनिवार सुबह जैसे ही अंकिता की लाश मिलने की खबर के बाद पूरे प्रदेश कोहराम मच और गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए और जगह-जगह प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाराज़ प्रदर्शनकारी आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। इसी दौरान ऋषिकेश के एम्स के बाहर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है, जहां पर अंकिता का शव पोस्टमाटर्म के लिए लाया गया है वहीं यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट यहां पहुंची तो गुस्साई भीड़ ने उनकी वाहन को घर लिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। वहीं इस मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आरोपी पुलकित आर्य के भाई अंकित की पिछड़ा आयोग से छुट्टी करने का फरमान सुनाया।
रिसेप्शनिस्ट थी अंकिता
गुमशुदगी दर्ज कराने वाले ही निकले भंडारी के कातिल
एएसपी कोटद्वार शेखर सुयाल ने शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पौड़ी गढ़वाल के नांदलस्यूं पट्टी के श्रीकोट निवासी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। वह बीते 18 सितंबर को संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी। इस मामले में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य की ओर से उसकी गुमशुदगी राजस्व पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई। गुरुवार तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई। बताया जा रहा है कि रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ और जांच पड़ताल के बाद जानकारी हुई कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भाष्कर के साथ रिजॉर्ट से गई थी। पुलिस संदेह के आधार पर तीनों को हिरासत में लेकर गहनता से पूछताछ उन्होंने सारे राज उगल दिया।
उन्होंने पुलिस को बताया कि अंकिता पर वह यहां आने वाले ग्राहकों से संबंध बनाने को कहते थे। यह बात अंकिता सबको बता रही थी। वह बार-बार रिजॉर्ट की हकीकत सामने लाने की धमकी दे रही थी। इस बात को लेकर विवाद चल रहा था। घटना वाले दिन दो अलग-अलग वाहनों पर चारों लोग चीला बैराज के पास गए। वहां पर उन्होंने फास्टफूड के साथ शराब पी। इसके बाद आगे चले और नहर किनारे रुक गए। यहां पर पुलकित और अंकिता का फिर से झगड़ा होने लगा। बताया जा रहा है कि पुलकित और अंकिता के बीच नहर किनारे बहस हुई तो अंकिता ने पुलकित का मोबाइल फोन छीनकर नहर में फेंक दिया। इस गुस्साए पुलकित को गुस्सा आ गया और अंकिता को नहर में धक्का दे दिया। अंकिता ने दो बार पानी से ऊपर आकर बचाने की आवाज लगाई। लेकिन तीनों डर गए और वहां से भागकर रिजॉर्ट में आ गए। यहां पर उन्होंने कर्मचारियों को इस तरह से बताया कि अंकिता अपने कमरे में है। कुछ देर बाद तीनों ही राजस्व पुलिस चौकी में गुमशुदगी दर्ज कराने चले गए।