लखनऊ। यूपी के कानपुर में बर्रा के मालवीय विहार में सोख्ता टैंक की जहरीली गैस से तीन मजदूरों की मौत हो गई। रविवार को एक मजदूर सोख्ता टैंक की शटरिंग उतारने के लिए अंदर गया। काफी देर तक वापस नहीं लौटा तो दो मजदूर बचाने के लिए उतरे अंदर जहरीली गैस की चपेट में आकर एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो मजदूरों ने हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। तीनों मजदूरों के परिजनों ने मकान मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया है। बर्रा थाने की पुलिस परिजनों से बातचीत करके शांत कराने के प्रयास में जुटी रही। लापरवाही किसके स्तर पर हुई इसकी भी जांच की जा रही है।
सोख्ता टैंक में बचाने उतरे दोनों मजदूरों की भी गई जान बर्रा कर्रही के मालवीय विहार निवासी कुशल गुप्ता का मकान निर्माणाधीन है। मकान में एक सोख्ता टैंक भी बनाया गया है। काम कर रहे मजदूर रविवार को टैंक की स्लैप मजबूत होने के बाद टैंक की सफाई और शटरिंग हटाने का काम कर रहे थे। टैंक में उतरे शिवा तिवारी (25) गश खाकर गिर पड़े। चीख सुनकर साथी मजदूर अंकित पाल (28) और अमित कुमार (34) भी उसे बचाने सीवर टैंक में उतरे तो वह दोनों भी बेहोश हो गए। कुशल की चीख-पुकार सुन आस-पास के लोग दौड़े और बर्रा पुलिस को सूचना दी गई। कड़ी मशक्कत से बेहोश पड़े तीनों को टैंक से बाहर निकालकर हॉस्पिटल भेजा गया। जांच के दौरान डॉक्टरों ने शिवा तिवारी को मृत घोषित कर दिया।
जबकि अंकित और अमित कुमार की हालत गंभीर बनी रही। दोनों को आईसीयू में भर्ती करके इलाज शुरू किया गया, लेकिन कुछ ही देर में गंभीर दोनों मजदूरों ने भी दम तोड़ दिया। DCP साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि लापरवाही किस स्तर पर हुई इसकी जांच की जा रही है। मृतक के परिजन की तहरीर के आधार पर मामले मेंFIR दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। ई-रिक्शा के पायदान पर रखकर ले गए अस्पताल मजदूरों की हालत खराब होने के बाद उन्हें टैंक से निकालकर ई-रिक्शा के पायदान पर रखकर अस्पताल ले जाया गया।
काफी प्रयास के बाद भी कोई एंबुलेंस नहीं मिली और आसपास के लोगों ने मदद नहीं की। इस बात को भी लेकर मृतक और गंभीर मजदूरों के परिजनों ने आक्रोश जताया। बगैर संसाधन टैंक में उतरना पड़ा जानलेवा बर्रा थाना प्रभारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सोख्ता टैंक साफ करने के लिए कर्मचारी बगैर किसी सुरक्षा उपकरण के टैंक में उतरे थे। नया टैंक था उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि इस खाली टैंक में भी गैस बन सकती है। इसी के चलते जहरीली गैस के चपेट में आने से हादसा हुआ है। मकान मालिक और कर्मचारी दोनों स्तर से लापरवाही की गई है। (BNE)