उमेश तिवारी
नेपाल सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए भारत से बहुत से सामानों को मंगाना बंद कर दिया है। जिससे नेपाल जाने वाले मालवाहक गाड़ियों की संख्या कम हो गई है । तीन महीने पहले सोनौली सीमा से रोजाना 600 के करीब मालवाहक वाहन नेपाल जाया करते थे, लेकिन अब इस सीमा से बमुश्किल 150 या 200 मालवाहक वाहन ही नेपाल जा रहे हैं । जिसका असर सीमा के दोनों तरफ कस्टम एजेंटों पर है। ट्रांसपोर्ट यूनियन सोनौली के अध्यक्ष रतन कुमार गुप्त ने बताया कि महराजगंज एआरटीओ की मनमानी के कारण ओवरलोड के नाम पर अवैध वसूली करने से मालवाहक वाहनों ने अपना रूख सिद्धार्थनगर जिले की तरफ कर नेपाल में प्रवेश कर रहे हैं। भारतीय कस्टम एजेंट संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि नेपाल सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बहुत से सामानों पर आयात पर रोक लगाया है, वहीं विदेश से मंगाने वाले हर समान पर लेटर ऑफ क्रेडिट का नियम लगा दिया है, जिस कारण भारत से निर्यात कम हो रहा है।
समाजसेवी अहद खान ने बताया सीमा से सटे बेलहिया मे रूपनदेही ट्रैफिक पुलिस हर भारतीय मालवाहक वाहनों से 1,250 रुपये ओवरलोडिंग के नाम पर चालान काटती है। बहुत से वाहन सिद्धार्थनगर की सीमा से नेपाल के लुंबिनी उद्योग एरिया तक जाते हैं, जो पहले सोनौली सीमा से जाते थे। भैरहवा भंसार कार्यालय सूचना प्रवक्ता तीर्थराज पासवान ने बताया कि पहले 600 वाहन नेपाल आता था, जिसमें 30 पेट्रोलियम के वाहन, 60 आलू, प्याज और हरी सब्जी के साथ अन्य लोहा, कोयला, जिप्शम, कपड़ा, केमिकल सहित कई वाहन शामिल है। अब 30 केमिकल और 60 आलू, प्याज, सब्जी सहित तमाम सामानों सहित 150 से 200 वाहन ही जा रहे हैं।