बिना दवा के पाए माइग्रेन से छुटकारा, आजमाए यह देसी नुस्खे

माइग्रेन एक ऐसा सिर दर्द है जो काफी पीड़ादायक और असहनीय होता है। आमतौर पर माइग्रेन का दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है इसलिए यह अधकपारी के नाम से भी जाना जाता है। माइग्रेन अटैक आने पर कुछ लोगों को उलटी की समस्या होती है तो वहीं कुछ लोगों को ट्यूब लाइट, आस पास की आवाज, टीवी व अन्य चीजों से दर्द और भी ज्यादा बढ़ जाती है। अब अगली बार जब आपको माइग्रेन का दर्द सताए तो पेन किलर को कहिए ‘नो’ और घर के देसी नुस्खे को आजमाए। माइग्रेन के लक्षणों के लिए गोलियां खाना बंद कर दें और अपने किचन में पाए जाने वाले इन आयुर्वेदिक माइग्रेन के उपाय को अपनाएं। सही आहार और ब्रीदिंग एक्सरसाइज और माइग्रेन के कारणों से बचाव कर माइग्रेन को जड़ से खत्म किया जा सकता है। आइए जाने देसी नुस्खे को प्रयोग करने का तरीका और इसके फायदे।

01.भीगी हुई किशमिश माइग्रेन में भीगी हुई किशमिश खाने से दर्द को आराम मिलता है। सुबह सबसे पहले हर्बल चाय पीने के बाद 10 से 15 भीगी हुई किशमिश खाने से आपको सिर दर्द में राहत मिलेगी। किशमिश को एक दिन पहले पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाएं। भीगी हुई किशमिश को लगातार 12 सप्ताह तक लिया जाना चाहिए। इससे बढ़े हुए वक्त के साथ-साथ शरीर में जमा अतिरिक्त पित्त को भी कम करता है और माइग्रेन से जुड़े सभी लक्षणों जैसे- एसिडिटी, मतली, जलन, सिर दर्द आदि को शांत करता है।

02.देसी गाय का घी शरीर और मस्तिष्क में अतिरिक्त पित्त को संतुलित करने के लिए गाय का घी सबसे बेहतर माना जाता है। देसी घी का उपयोग आप भोजन में रोटी चावल सब्जी के साथ कर सकते हैं सोते समय दूध के साथ मिलाकर पी सकते हैं। इसके अलावा माइग्रेन की कुछ जड़ी-बटियों जैसे ब्राह्मी, शंखपुष्पी आदि में मिलाकर सेवन किया जाता है। देसी घी का प्रयोग नस्य (नासिका छिद्रों में 2-2 बूंद देसी घी डालना) में भी किया जा सकता है। यह भी माइग्रेन से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

03.जीरा इलायची चाय जब माइग्रेन के लक्षण गंभीर हैं तो लंच या डिनर के एक घंटे बाद जीरा इलायची चाय का सेवन किया जा सकता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले आधा गिलास पानी में उसमें एक छोटा चम्मच जीरा और एक इलायची डालकर तीन मिनट तक उबालें और फिर इसे छान लें और चाय का आनंद लेते हुए माइग्रेन के दर्द को शांत करें। (BNE)

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