उत्तर प्रदेश । प्रतापगढ़ जिले में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने न्याय प्रक्रिया को तेज और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। जनपद न्यायालय परिसर में इस अदालत का शुभारंभ जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव कमल पाण्डेय ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपसी समझौते के जरिए अधिक से अधिक मुकदमों का निपटारा किया जाए, ताकि आम जनता को त्वरित न्याय मिल सके।

कार्यक्रम का संचालन अपर जिला जज रामलाल द्वितीय ने किया, जिसमें सभी न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, मध्यस्थ और विधिक सहायता से जुड़े लोग उपस्थित रहे। इस लोक अदालत में कुल 1,37,335 मामलों का सफल निस्तारण हुआ, जो न्याय व्यवस्था को दर्शाता है। इनमें 6006 आपराधिक मामले, नौ NI एक्ट, 118 विद्युत चोरी, 52 मोटर दुर्घटना दावा, 31 वैवाहिक विवाद, 53 सिविल मामले, 921 बैंक रिकवरी, 11 बीएसएनएल और अन्य शामिल थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने 1,28,720 प्री-लिटिगेशन मामले सुलझाए, जबकि यातायात विभाग ने 1404 चालान निपटाए।
आर्थिक रूप से, आपराधिक मामलों में 16.25 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया। मोटर दुर्घटना अधिकरण के विजय पाल ने 52 मामलों में पीड़ितों को 4.12 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दिलाई। बैंक मामलों में 54.33 लाख और BSNL में 2.74 लाख रुपये का समझौता हुआ। परिवार न्यायालय में 31 वैवाहिक विवाद सुलझाए गए, जिसमें एक हृदयस्पर्शी मामला था जहां 14 वर्षों से अलग रह रहे साफिया और रहमान दंपति को परामर्शदाता ममता सिंह की मदद से सुलह कराकर विदाई दी गई। यह आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्वयंसेवकों, अधिवक्ताओं और बैंक अधिकारियों के सहयोग से सफल रहा। लोक अदालत जैसी पहल लंबित मामलों को कम कर न्याय तक पहुंच को आसान बनाती है।
