लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अब सियासी भूचाल बन चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने खुलासा किया है कि प्रदेश में 97% SIR पूरा हो चुका है और करीब 2.27 करोड़ नाम कट सकते हैं। उन्होंने बताया कि 17% “अनकलेक्टेबल वोटर” मिले हैं – यानी या तो मृत, या स्थायी रूप से बाहर चले गए, या डुप्लिकेट। पांच श्रेणियों में जांच हुई: मृत, बाहर शिफ्ट, डुप्लिकेट, 80+ उम्र के बिना फोटो और अन्य।
रिणवा ने कहा, “हमारा मकसद वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा करना है। 2.27 करोड़ नाम कटेंगे, लेकिन नए वोटर भी जुड़ रहे हैं। अंतिम लिस्ट 7 फरवरी 2026 को आएगी।” रामपुर में नूरजहाँ और उनके विदेश में रहने वाले बेटों पर FIR के सवाल पर उन्होंने कहा, “SIR फॉर्म भरना जरूरी है। अलग फॉर्म भी दिए गए हैं।”
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फतेहपुर में एक BLO की आत्महत्या पर रिणवा बोले, “दबाव का कोई मामला नहीं। पूरे देश में काम चल रहा है।” लेकिन सपा इसे “वोट काटो अभियान” बता रही है। अखिलेश यादव ने कहा, “2-3 करोड़ वोटर कट रहे हैं। PDA समाज को निशाना बनाया जा रहा है। आयोग का काम वोट बनाना है, काटना नहीं।”
सियासी गलियारों में हल्ला है कि भाजपा 2027 के लिए PDA वोट बैंक कमजोर करना चाहती है। सपा ने “Save Voter List” कैंपेन शुरू कर दिया है। CEO ने आश्वासन दिया कि BLO से चर्चा कर हर नाम की दोबारा जांच होगी। लेकिन जनता परेशान है – बुजुर्ग कागज ढूंढ रहे हैं, विदेश में रहने वाले फॉर्म भरने की जद्दोजहद में।
