- हत्या से पहले की सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो से सच आया सामने
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। राजाजीपुरम के मेहंदी खेड़ा निवासी 50 वर्षीय दृष्टिबाधित वीरेंद्र यादव उर्फ डोंगा अपनी मां अशोका के साथ दुबग्गा क्षेत्र स्थित टाड़ खेड़ा में रहते थे। वीरेंद्र यादव ने हत्या से पहले अफसरों से गुहार लगाते हुए कहा था कि उन्हें भाई-भतीजा व पोते से खतरा है। लेकिन दुबारा पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर स्थानीय पुलिस समय से चेत जाती तो शायद वीरेंद्र की जान बच सकती थी। शुक्रवार दोपहर बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन इससे पहले बुजुर्ग की जान जा चुकी थी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो में वीरेंद्र और उनकी मां अशोका गिड़गिड़ाते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्हें उनके भाई, भतीजा जितेन्द्र व पोते चिराग यादव से खतरा है। इसके बावजूद पुलिस बेखबर रही, नतीजतन दृष्टिबाधित वीरेंद्र यादव के सीने में गोलियों की बौछार कर भतीजा व पोते ने मौत की नींद सुला दिया। बताते चलें कि वीरेंद्र यादव जन्म से ही दृष्टिबाधित थे। वीरेंद्र की मां अशोका को पेंशन मिलती है, लिहाजा इस पेंशन से घर का खर्च चलता है। भाई-भतीजा और पोते चिराग यादव की प्रताड़ना से आजिज आकर अशोका अपने दृष्टिबाधित बेटे वीरेंद्र को लेकर पिछले छह महीने से दुबग्गा क्षेत्र स्थित अपने मायके में रहने लगी।
यह बात वीरेंद्र के भाई-भतीजा और पोते को अखरने लगी कि अब तो उनकी पेंशन भी हाथ नहीं लग रही है। वह बार-बार वीरेंद्र और अशोका पर दबाव बना रहे थे कि घर चलो, लेकिन खुद को खतरा महसूस करने वाले वीरेंद्र उनके साथ रहने से साफ मना कर दिया था। इस मामले में वीरेंद्र और उनकी मां अशोका ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी किया कि उन्हें खतरा है, इसके बावजूद दुबग्गा पुलिस अनजान बनी रही है और वीरेंद्र की जान चली गई।
