- डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी की कहानियों से सजा कल्पकथा मंजूषा मंच
- कहानियां सामाजिक संरचना का दर्पण होती हैं – कल्पकथा परिवार
महराजगंज। राधा गोपीनाथ महाराज की कृपा से संचालित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार की संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि कल्प कथा मंजूषा मंच कुशीनगर के विद्वान कथाकार एवं ज्योतिषाचार्य डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी की देशज शैली और सामाजिक ताने-बाने में से बुनी कहानियों से सजा रहा।
अहमदाबाद की प्रबुद्ध साहित्यकार डॉ नलिनी शर्मा कृष्ण के विद्वत मंच संचालन के कार्यक्रम में डॉ त्रिपाठी ने ‘पिया बाबरी’, और ‘रिश्ता’ कहानियों का वाचन करते हुए झूठे अहंकार और वृद्ध जनों के प्रति परिवार और समाज की असंवेदनशीलता का सजीव शाब्दिक चित्रण में अनेकों प्रश्न उठाए। समालोचक के रूप में जुड़े अहमदाबाद के कथा मर्मज्ञ चंद्र प्रकाश गुप्त चन्द्र बुंदेला ने कार्यक्रम की सफलता पर संतोष प्रकट करते हुए समालोचना के द्वारा कहानियों के विस्तार और सामाजिक संरचना के बिंदुओं का विश्लेषण करते हुए सकारात्मक बिंदुओं से समाज को जोड़ने पर बल दिया।

वहीं नैरोबी केन्या पूर्वी अफ्रीका से जुड़ीं बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्य सुधि कल्पना पारीक ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा त्रिपाठी की कहानियां जितने प्रश्न उठा रही है उससे कहीं अधिक परिवार के सदस्यों को क्या करना चाहिए कि शिक्षा देती हैं। कल्पकथा साहित्य संस्था के यूट्यूब चैनल पर सीधे प्रसारण के कार्यक्रम में डॉ त्रिपाठी को कल्पकथा संस्थापक दीदी राधा शर्मा ने कल्प कथा मंजूषा पत्रम से सम्मानित करते हुए कहा कि कहानियां सामाजिक संरचना का दर्पण होती है इसलिए उद्देश्यपूर्ण, सार्थक, कहानियों के द्वारा सामाजिक संतुलन को सुदृढ़ किया जाना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में वन्दे मातरम् स्मरणोत्सव वर्ष में राष्ट्रगीत वन्दे मातरम को गायन के पश्चात आमंत्रित अतिथियों, सहभागी साहित्यकारों, एवं दर्शकों का आभार प्रकट किया गया।
