- मुरादाबाद, बुलंदशहर, फिरोजाबाद और आगरा जिला जेल में उत्पीड़न वसूली चरम पर
- जेलों में घटनाएं और शिकायतें होने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
लखनऊ। लाख और करोड़ रुपए देकर कमाऊ जेलों पर तैनात हुए जेल अधीक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। मुरादाबाद, फिरोजाबाद, आगरा और बुलंदशहर जिला जेल इसका जीता जागता उदाहरण है। इन जेलों में बंदियों के उत्पीड़न और वसूली की तमाम शिकायतों और घटनाओं के बाद विभागीय मंत्री, प्रमुख सचिव कारागार का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से शासन ने किसी भी जेल अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। कार्रवाई नहीं होने से जेल अधिकारी बेलगाम हो गए है। यही वजह है कि जेलों में घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
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मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिनों मुरादाबाद जेल में बंदियों के उत्पीड़न और अवैध वसूली का मामला सामने आया था। जनपद की अपना दल (कमेरावादी) पार्टी के पदाधिकारियों ने डीएम और विभाग के मुखिया को पत्र भेजकर जेल में हो रही अनाप शनाप वसूली की शिकायत की थी। कुछ दिनों तक मामला सुर्खियों में रहने के बाद ठंडे बस्ते में चला गया।
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इसी प्रकार हाल ही में आगरा जिला जेल का एक वीडियो वायरल हुआ। हिंदू परिषद के पदाधिकारियों की ओर से जारी किए गए इस वायरल वीडियो में जेल प्रशासन के बंदियों के उत्पीड़न और अवैध वसूली की खुलेआम शिकायत की गई। यह मामला भी कुछ दिनों बाद ही फाइलों में कैद होकर रह गया। इसी प्रकार मोटी रकम देकर मैनपुरी से बुलंदशहर जेल पहुंची महिला जेल अधीक्षक ने आतंक मचाना शुरू कर दिया। अधीक्षक ने जेल का प्रभार संभालते ही सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाने से लेकर अवकाश स्वीकृत करने तक जिम्मेदारी जेलर के बजाए खुद ही संभाल ली।
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उन्होंने मशक्कत, बैठकी, मनचाही बैरेक में जाने के लिए मोटी रकम वसूल करना शुरू कर दिया। यही नहीं बंदी कल्याण कोष के लिए संचालित कैंटीन में मनमाफिक दामों पर खाद्य वस्तुएं बिकवाकर वसूली को बढ़ा दिया। मोटी रकम देकर एटा जिला जेल से फिरोजाबाद जेल पहुंचे अधीक्षक ने हाता, मशक्कत, कैंटीन के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर दी है। बीते दिनों वसूली को लेकर जेल प्रशासन के अधिकारियों ने एक बंदी की जमकर पिटाई कर दी। पिटाई का शिकार हुए बंदी ने जब इसकी शिकायत न्यायालय में की तो न्यायालय ने पिटाई करने के आरोपी जेलर, डिप्टी जेलर और एक वार्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश से जेल अधिकारियों में खलबली मची हुई है। उधर शासन और मुख्यालय के अधिकारियों ने किसी भी दोषी अधिकारी और सुरक्षाकर्मी के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
विभाग के मंत्री और जिम्मेदार अधिकारी नहीं उठाते फोन
मोटी रकम देकर कमाऊ जेलों पर पहुंचे अधिकारियों और कर्मियों की वसूली और तानाशाही के संबंध में जब कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान और प्रमुख सचिव कारागार अनिल गर्ग से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी इनसे बात नहीं हो पाई। उधर कारागार मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आगरा जिला जेल में वसूली का वीडियो वायरल होने के साथ मुरादाबाद जेल में अवैध वसूली की शिकायत आने, बुलंदशहर जेल में अधीक्षक की शिकायत होने और फिरोजाबाद जेल में बंदी की पिटाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने का आदेश दिए जाने की तो पुष्टि की लेकिन इन मामलों में और कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया।
