कविता : कृपा दृष्टि मुझ पर बनाये रखिये

कर्नल आदि शंकर मिश्र
कर्नल आदि शंकर मिश्र

संगीत साधना ग़र नियमित हो,
तो हृदय रोग से सब बचे रहते हैं,
सप्त सुरों के सरग़म में बसते,
सुर, नर, मुनि व सप्तऋषि हैं।

सूरज हैं प्रकाश देवता हमारे,
तीनों लोकों में हैं अति न्यारे,
दीपक दिखाने से क्या होगा,
उनकी पूजा से जग चमकेगा।

नज़र न लगाइए इस नाचीज पर,
बस दिल में जगह बनाये रखिए,
जैसा भी हूँ आप सबके सामने हूँ,
कृपा दृष्टि मुझ पर बनाये रखिये।

ज़िन्दगी का रहस्य अति गूढ़ है,
कोई कुछ भी कहाँ ढूँढ पाता है,
ना ही कोई इसे खोज पाता है,
ना ही कोई इसे समझ पाता है।

संगीत साधना, सूर्य देव की पूजा,
सबकी भलाई व सबका विकास,
आदित्य कर्तव्य भी करते रहना है,
अंतिम साँस तक हो यही प्रयास।

 

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