- योगी प्रस्तावक रहे, निर्विरोध चुना जाना तय, सात बार से सांसद, केंद्र में मंत्री
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी यूपी भाजपा के नए अध्यक्ष होंगे। नामांकन दाखिल करने की समय-सीमा दोपहर 3 बजे तक थी। इस दौरान मोदी-शाह के करीबी चौधरी के अलावा किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया। ऐसे में चौधरी का अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। इससे पहले पंकज चौधरी ने शनिवार को भाजपा कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत 10 नेताओं ने चौधरी के नाम का प्रस्ताव रखा। अब रविवार को लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पीयूष गोयल नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान करेंगे। इससे पहले सस्पेंस के बीच मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बिना नाम लिए नए प्रदेश अध्यक्ष का खुलासा कर दिया था। सिंह ने कहा था कि-वे सात बार सांसद रहे हैं। वे अपने समाज में भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाई है। चयन होने के बाद हम नाम बताएंगे। स्वतंत्र देव का स्पष्ट इशारा पंकज चौधरी की तरफ था। पंकज चौधरी योगी के गढ़ गोरखपुर से हैं। वह महाराजगंज से 7 बार के सांसद हैं। ओबीसी के कुर्मी बिरादरी से आते हैं।

यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति 15 जनवरी 2025 को होनी थी, लेकिन महाराष्ट्र चुनाव तो कभी यूपी उपचुनाव और फिर बिहार चुनाव के चलते मामला लटकता चला गया। इससे पहले दोपहर एक बजे पंकज चौधरी, पीयूष गोयल और विनोद तावड़े के साथ दिल्ली से लखनऊ पहुंचे थे। पंकज चौधरी योगी के गढ़ गोरखपुर से हैं। वह महाराजगंज से 7 बार के सांसद हैं। ओबीसी के कुर्मी बिरादरी से आते हैं। राजनितिक विश्लेशक कहते हैं कि पंचायत और विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने ओबीसी के कुर्मी समाज से आने वाले चौधरी पर दांव लगाया है, क्योंकि कुर्मी समाज की आबादी यादवों के बाद सबसे ज्यादा है। कुर्मी समाज को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है, लेकिन लोकसभा में इस समाज का एक हिस्सा पीडिए के नाम पर सपा के साथ गया था। इसे देखते हुए भाजपा ने दांव खेला है। पंकज चौधरी कद्दावर नेता हैं। अच्छे प्लानर माने जाते हैं। पार्षद से राजनीति की शुरुआत की। गोरखपुर के डिप्टी मेयर रहे। 1991 में पहली बार सांसद बने। राहत रूह तेल कंपनी के मालिक हैं।

2024 में 11 कुर्मी सांसद चुने गए। इनमें तीन भाजपा, सात सपा के हैं। कुर्मी वोटों का ध्रुवीकरण हुआ। भाजपा अब नहीं चाहती कि कुर्मी वोट बंटे। यूपी भाजपा में इससे पहले तीन बार कुर्मी भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं- विनय कटियार, स्वतंत्र देव सिंह और ओम प्रकाश सिंह। पंकज बने तो भाजपा के चौथे कुर्मी जाति के अध्यक्ष होंगे। गोरखपुर की राजनीति में योगी और पंकज चौधरी ही बीजेपी के दो बड़े क्षत्रप हैं। दोनों की राजनीति का तरीका अलग है। एक को सरकार और एक को संगठन की कमान सौंपने के भी कई राजनीतिक मायने हैं।

प्रस्तावकों में एक ठाकुर, एक ब्राह्मण, एक पारसी, दो भूमिहार, दो दलित और तीन ओबीसी हैं
- CM योगी आदित्यनाथ
- केशव प्रसाद मौर्य
- ब्रजेश पाठक
- स्मृति ईरानी
- सूर्यप्रताप शाही
- स्वतंत्रदेव सिंह
- दारा सिंह चौहान
- एके शर्मा
- कमलेश पासवान
- असीम अरुण
