- उरई और ललितपुर जेल में जैम पोर्टल से खरीद के बजाए सीधे हो रही खरीदारी
- एक ठेकेदार अलग अलग कई फर्मों से कर रहा जेलों में दाल, चावल, तेल की आपूर्ति
- कारागार मंत्री को भेजी गई शिकायत से हुआ ठेकेदार की तानाशाही का खुलासा
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। जेल अफसरों और ठेकेदार की मिली भगत से उरई, झांसी और ललितपुर जेल में सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। जेल नियमों को दरकिनार करके इन जेलों में प्रतिमाह लाखों रुपए की बंदरबांट की जा रही है। ठेकेदार को लाभ पहुंचाने और अपनी जेब भरने के लिए इन जेलों के अधिकारी जैम पोर्टल के बजाए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सीधे ठेकेदार से करा रहे है। इस सच का खुलासा कारागार मंत्री को भेजी गई शिकायत से हुआ है। शिकायत में इस खरीद फरोख्त की जांच कराए जाने की मांग करने के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक जेलों में दाल, सब्जी, दूध, दही, फल इत्यादि की आपूर्ति प्रतिदिन ठेकेदारों के माध्यम से कराई जाती है। जेल नियमों के अनुसार इन वस्तुओं की आपूर्ति जैम पोर्टल के माध्यम से कराए जाने का प्रावधान है। जेल अधिकारियों ने अवैध वसूली को बढ़ाने के लिए ठेकेदार से जैम पोर्टल के बजाए सीधे मंगवाकर सरकारी धन में बंदरबांट करना शुरू कर दिया है। जेलों में मशक्कत, हाता, बैठकी, मुलाकात और कैंटीन से हो रही अवैध वसूली में बढ़ोत्तरी करने के लिए ठेकेदार से साठ गांठ का खुलासा ललितपुर, उरई और झांसी जेल में हुआ है।
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सूत्रों के मुताबिक ललितपुर जनपद की एक स्वयंसेवी संस्था ने प्रदेश के कारागार मंत्री को एक शिकायत भेजी है। इस शिकायत में कहा गया है कि झांसी के एक दबंग ठेकेदार की जनक इंटरप्राइजेज, सोम इंटरप्राइजेज सरीखी कई फर्म हैं। इन फर्मों से उरई, ललितपुर और झांसी मंडलीय कारागार में दैनिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कराई जा रही है। यह आपूर्ति जैम पोर्टल के बजाए जेल अधिकारी सीधे ठेकेदार से कराकर प्रतिमाह लाखों रुपए का वारा न्यारा कर रहे है। इस खरीदारी से मिलने वाला मोटा कमिशन जेल अधिकारी अपनी जेब में रख रहे है। सूत्र बताते है कि जेलों में गेहूं और चावल की आपूर्ति कल्याण निगम से कराए जाने की व्यवस्था है। इस व्यवस्था के बावजूद अधिकारी समय समय पर इसकी आपूर्ति ठेकेदार के माध्यम से कराकर सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग कर रहे है। शिकायती पत्र में मांग की गई है कि इन जेलों में पिछले छह माह के अंतराल में हुई खरीद फरोख्त की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो दूध का दूध पानी सामने आ जाएगा। उधर इस संबंध में जब उरई, ललितपुर जेल अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि कई वस्तुएं जैम पोर्टल के बजाए सीधे खरीदी जा रही हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कई वस्तुएं जैम पर मिलती नहीं हैं इसलिए उन्हें सीधे खरीदा जा रहा है। उधर कानपुर जेल परिक्षेत्र के डीआईजी प्रदीप गुप्ता ने कहा कि इसकी पड़ताल और जांच कराई जाएगी। जांच में पाए गए दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
झांसी जेल में पुराने को हटाकर चहेते से कराई जा रही आपूर्ति
मंडलीय कारागार झांसी में भी दैनिक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भी धांधली किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस जेल में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का काम जनक इंटरप्राइजेज के पास था। सूत्रों का कहना है कि जेल अधिकारियों ने मोटी कमाई करने के लिए आपूर्ति का कुछ काम जनक इंटरप्राइजेज से हटाकर अपने चहेते ठेकेदार की फर्म कियांश ट्रेडर्स को सौंप दिया। इस जेल में भी मोटी कमाई के खरीददारी जैम पोर्टल (सरकारी ई मार्केटप्लेस) प्रणाली को दर किनार करके खरीद फरोख्त की जा रही है। इसके तहत जेल में इस ठेकेदार से गेहूं, चावल के साथ तेल, घी और दाल की भी आपूर्ति कराकर प्रतिमाह मोटी रकम वसूल की जा रही है। उधर इस संबंध में जब अधीक्षक से संपर्क करने का प्रयास किया तो उनका फोन नहीं उठा। जेलर ने बताया कि यह फर्म उनके जेल में प्रभार संभालने के पहले से काम कर रही है।
