उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज! जनपद महराजगंज के किसानों के लिए आज एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से लंबित चली आ रही मांग को पूरा करते हुए आनंदनगर–फरेन्दा रैक पॉइंट पर एचयूआरएल की यूरिया की 1228 मीट्रिक टन क्षमता वाली रैक उपलब्ध करा दी गई है। यह उपलब्धि जिला प्रशासन के विशेष प्रयासों, लगातार शासन से संवाद से संभव हुआ है। किसानों एवं उर्वरक विक्रेताओं की मांग थी कि यूरिया की रैक सीधे आनंदनगर रैक पॉइंट पर उपलब्ध हो, ताकि उन्हें गोरखपुर पर निर्भर न रहना पड़े। गोरखपुर से रैक आने पर परिवहन लागत बढ़ने के कारण किसानों को खाद की अधिक कीमत देनी पड़ती पड़ती थी और समय से खाद उपलब्ध न होने से कृषि कार्य भी प्रभावित होता था। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने न केवल शासन स्तर पर लगातार संवाद बनाया, बल्कि जनपद की वास्तविक आवश्यकताओं को तथ्यात्मक रूप से प्रस्तुत करते हुए इस विषय को माननीय कृषि मंत्री के समक्ष भी रखा। उनकी पहल पर शासन द्वारा इस महत्वपूर्ण मांग को स्वीकार किया गया और लंबे समय बाद जनपद के लिए सीधे खाद रैक उपलब्ध कराई गई। इससे पहले खाद की रैक गोरखपुर आती थी और वहां से सड़क मार्ग से परिवहन कर खाद जनपद में पहुंचती थी।
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जनपद को प्राप्त 1228 मीट्रिक टन यूरिया में से 491 MT सहकारी समितियों को आवंटित की जाएगी, जबकि शेष यूरिया निजी उर्वरक विक्रेताओं के माध्यम से किसानों तक पहुंचाई जाएगी। इससे जनपद में खाद की सुगम और व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित होगी। एआर कोऑपरेटिव ने बताया कि इस निर्णय से न केवल परिवहन लागत में कमी आएगी और ओवररेटिंग जैसी समस्याओं पर प्रभावी अंकुश लगेगा, बल्कि जनपद में खाद का भंडारण संभव होने से स्टॉक सत्यापन, पर्यवेक्षण एवं आपूर्ति प्रबंधन भी और अधिक पारदर्शी व प्रभावी हो सकेगा।
गौरतलब है कि पूर्व में गोरखपुर रैक आने से अन्य जनपदों को भी खाद आवंटित कर दिया जाता था, जिससे जनपद को आवश्यकता के अनुरूप खाद उपलब्ध नहीं हो पाती थी। इसके कारण किसानों को समय पर यूरिया नहीं मिल पाता था। आनंदनगर रैक पर सीधे रैक उपलब्ध होने से अब यह समस्या दूर होगी और किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप खाद स्थानीय स्तर पर ही प्राप्त हो सकेगी। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने कहा कि किसानों को उचित दर पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। रैक उपलब्ध होने से किसानों को सीधे लाभ मिलेगा, और भविष्य में भी इसी प्रकार जनपद की कृषि आवश्यकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
