भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। श्रीलंका में आए विनाशकारी चक्रवात ‘दित्वाह’ (Cyclone Ditwah) से प्रभावित लाखों लोगों तक त्वरित राहत पहुंचाने के लिए भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू किया है। इस अभियान के तहत INS विक्रांत, INS उदयगिरि और INS सुकन्या सहित कई युद्धपोत श्रीलंकाई तटों पर सक्रिय हैं।
मूल रूप से श्रीलंका नौसेना के 75वें स्थापना दिवस समारोह और अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेने कोलंबो पहुंचे ये जहाज अब पूर्ण रूप से HADR (Humanitarian Assistance and Disaster Relief) मोड में हैं। INS विक्रांत पर तैनात सी किंग और ALH ध्रुव हेलीकॉप्टरों ने बाढ़ग्रस्त पूर्वी और उत्तरी श्रीलंका में हवाई सर्वेक्षण किया तथा दूर-दराज के गांवों तक खाद्य पैकेट, पीने का पानी, दवाइयां और तिरपाल पहुंचाए। जहाजों से हजारों टन राहत सामग्री श्रीलंकाई अधिकारियों को सौंपी गई है।
read more : जैविक हथियारों का दुरुपयोग रोकने के लिए वैश्विक तंत्र की जरूरत https://www.nayalook.com/2025/12/01/global-mechanism-needed-to-prevent-misuse-of-biological-weaponsnayalooknews/
भारतीय नौसेना और श्रीलंका नौसेना के बीच रियल-टाइम समन्वय बना हुआ है। प्रभावित इलाकों में सड़कें और पुल पूरी तरह टूट चुके हैं, ऐसे में समुद्री मार्ग से ही सबसे तेज़ मदद पहुंचाई जा रही है। भारतीय वायुसेना के C-17 और IL-76 विमानों ने भी कोलंबो तथा त्रिंकोमाली में टनों राहत सामग्री उतारी है।
यह अभियान भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति का जीवंत उदाहरण है। हिंद महासागर क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा आने पर सबसे पहले पहुंचने वाली नौसेना के रूप में भारतीय नौसेना ने अपनी विश्वसनीयता एक बार फिर सिद्ध की है।
