गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर परिसर में ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान वे जिले के अलग–अलग इलाकों से आए नागरिकों से मिले, उनकी समस्याएँ सुनीं और उनके लिखित आवेदनों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने现场 मौजूद लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में मौजूद बच्चों से उन्होंने आत्मीयता से बातचीत की, जिससे माहौल और भी सहज हो गया। सीएम योगी नियमित रूप से प्रदेश के विभिन्न जिलों में जनता दर्शन आयोजित करते हैं। 18 नवंबर को भी उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में लोगों की समस्याएँ सुनी थीं। इसके अलावा 16 नवंबर को लखनऊ में आयोजित जनता दर्शन के दौरान उन्होंने महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात की थी। वहां भी उन्होंने लोगों द्वारा प्रस्तुत आवेदनपत्रों की गहन समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को तत्काल समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
इसी क्रम में, उसी दिन मुख्यमंत्री ने संभल जिले में महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने विकास कार्यों की प्रगति और कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति का विस्तृत जायजा लिया। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सीएम योगी ने अधिकारियों को संभल के चरणबद्ध विकास का खाका तैयार करने के निर्देश दिए और स्पष्ट कहा कि जिले का संपूर्ण विकास सरकार की प्राथमिकता है। बैठक के पहले चरण में उन्होंने प्राचीन तीर्थ स्थलों और पारंपरिक कुओं के संरक्षण और जीर्णोद्धार पर जोर दिया। संभल में पहचाने गए 68 तीर्थस्थलों और 19 कुओं के पुनरुद्धार के लिए तेज़ी से कार्य करने का निर्देश दिया गया। दूसरे चरण में उन्होंने संग्रहालय, प्रकाश–ध्वनि शो जैसी सांस्कृतिक सुविधाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने जिले में जिला न्यायालय, जेल और पीएसी इकाई के निर्माण कार्यों में भी तेजी लाने का निर्देश दिया, ताकि प्रशासनिक ढांचा और मजबूत हो सके। उन्होंने राजस्व, गृह, न्याय, लोक निर्माण, पर्यटन-संस्कृति, धर्मार्थ कार्य और शहरी विकास सहित कई विभागों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की और हर विभाग को तय समय सीमा में काम पूरा करने के लिए दिशा-निर्देश दिए। बैठक के दौरान उन्होंने महिष्मती नदी के पुनर्जीवन कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नदियाँ किसी भी क्षेत्र की जीवनरेखा होती हैं और उनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत चल रही गतिविधियों को और तेज़ करने के निर्देश दिए गए।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने वंदन योजना, मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना, अंत्येष्टि स्थल विकास योजना, शहरी जल विकास योजना, झील/तालाब संरक्षण योजना, तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय शहरी विकास योजना जैसी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि इन सभी परियोजनाओं के कार्य समय से पूरे हों, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिल सके।
