- प्रशासनिक, सुरक्षा व्यवस्था और बंदियों के उत्पीड़न को लेकर डीजी जेल की पहल
- परिक्षेत्र की कारागार के अलावा अन्य परिक्षेत्र की दो जेलों का प्रतिमाह करेंगे निरीक्षण
- अब एक परिक्षेत्र DIG दूसरे परिक्षेत्र की जेलों का करेंगे निरीक्षण
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। प्रदेश की जेलों में अनाधिकृत वस्तुओं की बरामदगी एवं बंदियों के साथ हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिए महानिदेशक कारागार ने एक सराहनीय पहल की है। इसके तहत अब परिक्षेत्र की जेलों में होने वाली अव्यवस्थाओं और घटनाओं की जांच परिक्षेत्र DIG के बजाए अन्य परिक्षेत्र के डीआईजी करेंगे। इसके साथ ही जेलों की प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था, अभिलेखों के रख रखाव, बंदियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं का निरीक्षण परिक्षेत्र के बजाए अन्य परिक्षेत्र के डीआईजी करेंगे। परिक्षेत्र की कारागार के अतिरिक्त अन्य परिक्षेत्र की दो जेलों का प्रतिमाह औचक निरीक्षण करेंगे। जेलों और परिक्षेत्रों का चयन मुख्यालय स्तर से किया जाएगा।
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प्रदेश के महानिदेशक कारागार पीसी मीणा ने बीती 20 नवंबर 2025 को ऐसा ही एक आदेश जारी किया है। मिली जानकारी के मुताबिक डीजी जेल को प्रदेश की जेलों की प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त होने के साथ बंदियों के उत्पीड़न और अवैध वसूली की लगातार शिकायतें मिल रही थी। बंदियों से हो रही अवैध वसूली, सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए डीजी जेल ने यह निर्णय लिया है। डीजी जेल की इस पहल से एक तरफ जहां परिक्षेत्र के DIG में खलबली मची हुई है वहीं दूसरी ओर इस निर्णय से जेलों की प्रशासनिक, सुरक्षा व्यवस्था के साथ बंदियों के उत्पीड़न और अवैध वसूली पर अंकुश लगने की प्रबल संभावनाएं भी नजर आ रही हैं।

सूत्रों का कहना है कि बीते दिनों महानिदेशक कारागार पीसी मीणा ने विशेष ड्यूटी को लेकर एक समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में परिक्षेत्र के DIG को निर्देशित किया किया था कि विशेष ड्यूटी की समयावधि पूरी करने वाले अधिकारियों और कर्मियों को मूल तैनाती स्थल पर वापस किया जाए। ऐसे ही कई अन्य आदेश भी किए जिनका अनुपालन सुनिश्चित नहीं हो पाया। इसको देखते हुए महानिदेशक कारागार ने यह अहम फैसला लिया है। डीजी जेल की यह पहल कितनी कारगर साबित होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल इसको लेकर विभागीय अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों में हलचल जरूर मची हुई है।
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निष्पक्षता से काम हुआ तो जेलों में दिखेगा सुधार
महानिदेशक कारागार के नए आदेश को लेकर विभागीय अधिकारियों में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। चर्चा है कि नए आदेश से परिक्षेत्र के डीआईजी की बल्ले बल्ले हो जाएगी। परिक्षेत्र DIG पहले सिर्फ परिक्षेत्र की जेलों से ही लिफाफा लेते रहे है। इस आदेश के बाद अब उन्हें परिक्षेत्र की जेलों से तो लिफाफा मिलेगा ही इसके साथ ही उन्हें जिस जेल के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी उस जेल से उन्हें अतिरिक्त पेशगी मिलेगी। इसके साथ ही डीजी जेल के आदेश का निष्पक्षता से अनुपालन किया गया तो जेलों की प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था के बंदियों से हो रही अवैध वसूली पर भी अंकुश लगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उधर इस संबंध में जब विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया गया तो वह इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से बचते नजर आए।
