- वीडियो कॉल पर कोर्ट की हियरिंग का झांसा दे 47 लाख ठगे
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। आलमबाग क्षेत्र के सिंगार नगर निवासी 80 वर्षीय सेवानिवृत्त DGM को साइबर जालसाजों ने दो दिनों तक घर में ही मनी लॉन्ड्रिंग का हवाला दे दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा इस दौरान बकायदे वीडियो कॉल द्वारा कोर्ट की हियरिंग भी की और 47 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। जिसकी जानकारी होने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आलमबाग के सिंगार में नगर में UPPCL DGM पद से रिटायर्ड ओमप्रकाश नारायण मिश्रा अपने परिवार संग रहते है। पीड़ित अधिकारी के अनुसार बीते 11 नवंबर को दोपहर करीब 12 बजे अज्ञात नंबर से वॉट्सऐप पर ऑडियो कॉल आई। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। उसने कहा आपके आधार नंबर से बैंक खाता खोला गया है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। कुछ ही देर में उनके वॉट्सऐप पर अरेस्ट वारंट की कॉपी भी भेज दी। वारंट की कॉपी देखते ही ओमप्रकाश घबरा गए। इस बीच कॉल करने वाले ने उन्हें वीडियो कॉल पर आने का दबाव बनाया। वीडियो कॉल पर वर्दी पहने ठग ने बोला केस मुंबई हाईकोर्ट में चलेगा।
ओमप्रकाश ने वीडियो कॉल रिसीव किया। वीडियो कॉल में पुलिस स्टेशन में वर्दी पहना युवक बैठा दिखा। उसने धमकी देते हुए कहा कि पूछताछ में सहयोग नहीं किया तो परिवार समेत जेल भेज देंगे। इसके बाद उन्हें एक कमरे में जाने का निर्देश दिया। डर की वजह से ओमप्रकाश उसकी बातों में आ गए और कमरे में चले गए। ओमप्रकाश ने बताया कि 11 नवंबर और 12 नवंबर तक ठगों ने उनसे पूछताछ की। फिर कॉल एक अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर की गई, जो जज की ड्रेस में कोर्ट रूम में बैठा दिखा। उसने कोर्ट हियरिंग की बात कहते हुए कहा असली आरोपी पकड़ने में मदद करो। उसने कहा मुझे पता है आप दोषी नहीं हैं, लेकिन असली आरोपी पकड़ने के लिए आपने अकाउंट के 47 लाख हमें ट्रांसफर करो। जांच के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा।
जाल में फंसे ओमप्रकाश ने उसके बताए गए बैंक खाते में 47 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। रुपए ट्रांसफर होते ही ठगों ने कॉल काट दी और नंबर बंद कर लिया। ओमप्रकाश ने बताया कि पैसे वापस न मिलने पर वह परेशान हो गए। उन्हें परेशान हालत में देखकर बेटे ने वजह पूछी, तो उसे पूरी घटना बताई। बेटे ने 1930 नंबर पर शिकायत की। इस पूरे मामले में मानक नगर थानाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि चूंकि जालसाजों ने 47 लाख रुपए ट्रांसफर कराए थे इसलिए मामला साइबर थाने के सुपुर्द किया गया है साइबर थाना द्वारा मुकदमा दर्ज कर मोबाइल नंबरों के आधार पर कार्यवाही की जा रही है।
