- योगी जी देखिए, आपके नाक के नीचे खेल रहे हैं जेल विभाग के अधिकारी
- मोटी रकम लेकर AIG जेल प्रशासन लगा रहे अधिकारियों की विशेष ड्यूटी
- डेढ़ माह में लगाई दर्जनों अधिकारियों और कर्मियों की जेल पर ड्यूटी
राकेश यादव
लखनऊ। प्रदेश के कारागार विभाग में अधिकारियों और कर्मियों की विशेष ड्यूटी आला अफसरों की वसूली का जरिया बन गई है। अपर महानिरीक्षक कारागार (AIG) प्रशासन मोटी रकम लेकर अधिकारियों की मनमाने तरीके से विशेष ड्यूटी लगाकर जेब भरने में जुटे हुए है। इसको लेकर अधिकारियों और कर्मियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। मामला अनुशासन से जुड़ा होने की वजह से वसूली के इस गंभीर मामले पर चुप्पी साध रखी है। उधर विभाग के आला अफसर इस मसले पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।
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कारागार मुख्यालय के अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशासन धर्मेंद्र सिंह ने स्थानांतरण सत्र के दौरान जमकर बेतरतीब तरीके से अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों के तबादले किए। इसमें अधिकारियों से मोटी रकम लेकर उन्हें कमाऊ जेलों पर तैनात कर दिया गया। यही नहीं वसूली के चक्कर में एक एक जेलर का तीन तीन बार तबादला आदेश बदल दिया गया। आजमगढ़ जेल पर तैनात विकास कटियार, झांसी जेल पर तैनात कस्तूरी लाल गुप्ता इसका जीता जागता उदाहरण है। स्थानांतरण सत्र समाप्त होने के चंद दिनों बाद ही विशेष ड्यूटी लगाकर वसूली करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
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सूत्रों का कहना है जेलर प्रिय कुमार मिश्रा की महोबा जेल से प्रतापगढ़ विशेष ड्यूटी लगाई गई उन्हें फिर महोबा वापस कर दिया गया। इसी प्रकार राजेश कुमार की उन्नाव से महोबा ड्यूटी लगाई गई फिर उन्हें उन्नाव वापस कर दिया गया। केंद्रीय कारागार नैनी में विशेष ड्यूटी पर लगाए गए प्रदीप कश्यप की पहले आजमगढ़ जेल पर विशेष ड्यूटी लगाई गई। फिर उन्हें वापस कर कानपुर नगर जेल के जेलर अनिल पांडे को आजमगढ़ जेल भेज दिया गया।
अजय राय की जौनपुर जेल से केंद्रीय कारागार नैनी, विकास कटियार की पहले बागपत और उसके बाद फिरोजाबाद जेल पर विशेष ड्यूटी लगा दी गई। झांसी जेल पर तैनात कस्तूरी लाल गुप्ता का पहले फतेहगढ़ जिला जेल फिर सुल्तानपुर जेल और उसके बाद बागपत जेल भेज दिया गया। प्रयागराज जेल में भारी मात्रा में नगद धनराशि मिलने पर कार्यवाही करने के बजाए उनकी इटावा सेंट्रल जेल पर विशेष ड्यूटी लगा दी गई। यह तो बानगी है इसी प्रकार दर्जनों अधिकारियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। इस संबंध में जब प्रमुख सचिव कारागार अनिल गर्ग से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नहीं हो पाई।
मनमाफिक जेल पहुंचाने के कई बार बदली गई ड्यूटी
प्रदेश के नए जेल मैनुअल में विशेष ड्यूटी लगाए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बाद भी AIG जेल प्रशासन लगातार अधिकारियों की ड्यूटी लगा रहे है। सूत्रों का कहना है कि विशेष ड्यूटी दो या तीन माह के लिए लगाई जाती है। माह में पेशगी पहुंचाने वाले अधिकारियों को निर्धारित समयावधि पूरी होने के बाद भी वापस नहीं किया जाता है। जबकि पेशगी नहीं देने वाले अधिकारियों को वापस कर दिया जाता है। महोबा और उन्नाव जेल इसका जीता जागता उदाहरण है। मोटी रकम देने वालों को कमाऊ जेल पर पहुंचाने के लिए कई कई बार ड्यूटी बदल भी दी जाती है। आजमगढ़ और झांसी में तैनात जेलर इसका जीवंत उदाहरण बने हुए है।
