- करोड़ों का गड़बड़झाला, अपग्रेडेशन के नाम पर 100 करोड़ खर्च, फर्क शून्य
- मुखिया की मेहरबानी या मंत्री का वरदहस्त, योगी सरकार भी चली बदनामी की राह…
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ में संविदा पर नियुक्ति किए गए प्रधान प्रबंधक तकनीकी का एक और घोटाला प्रकाश में आया है। प्रदेश की छह चीनी मिलों के अपग्रेडेशन के लिए शासन में 100 करोड़ रुपए की धनराशि का आवंटन किया। इस धनराशि से चीनी मिले का अपग्रेडेशन तो हुआ नहीं लेकिन प्रधान प्रबंधक तकनीकी विनोद कुमार अग्रवाल जरूर मालामाल हो गए। अपग्रेडेशन के बाद चीनी मिलो की पेराई दक्षता में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। चीनी मिलों के अपग्रेडेशन का कार्य उस फर्म दे दिया गया जिसको इस कार्य का कोई अनुभव ही नहीं था। अपग्रेडेशन कार्य की जांच कराई जाए तो लाखों रुपए का घोटाला सामने आ जाएगा। उधर इस संबंध में गन्ना मंत्री समेत अन्य आला अफसरों ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सहकारी चीनी मिल संघ की सरसावा, अनूपशहर, पुवायां, नानपारा, बेलरायां और संपूर्णानंद चीनी मिलों की पराई दक्षता बढ़ाने के लिए मिलों का अपग्रेडेशन कराया गया। वित्तीय वर्ष 2018 19 में इन चीनी मिलों के अपग्रेडेशन के लिए शासन ने 100 करोड़ रुपए की धनराशि का आवंटन किया गया। बताया गया है कि संघ में संविदा पर नियुक्त किए गए प्रधान प्रबंधक तकनीकी विनोद कुमार अग्रवाल ने अपग्रेडेशन के कार्यों के लिए ई निविदा जारी की। ई निविदा की तकनीकी एवं कमर्शियल शर्तों को दरकिनार करके उन्होंने अपनी चहेती दिल्ली की फर्म केमिकल सिस्टम को चीनी मिलों के अपग्रेडेशन का ठेका दिलाया। बताया गया है कि इस फर्म को अपग्रेडेशन के कार्यों का कोई अनुभव ही नहीं था। सूत्रों का कहना है कि संविदा पर नियुक्त प्रधान प्रबंधक तकनीकी ने अपनी चहेती फर्म से पांच चीनी मिलों का अपग्रेडेशन का कार्य कराकर शासन की आवंटित धनराशि में लाखों रुपए का गोलमाल किया।
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अपग्रेडेशन का कार्य कराने के बाद भी इन सहकारी चीनी मिलों की पेराई दक्षता में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। सूत्र बताते है कि संविदा पर नियुक्त किए गए विनोद कुमार अग्रवाल ने अपने राजनीतिक प्रभाव से तत्कालीन प्रबंध निदेशक को प्रभाव में लेकर इन मिलों की पेराई दक्षता बड़े बगैर ही अगले पराई सत्र में ही इन अपग्रेडेशन की चीनी मिलों में फर्जी परफॉर्मेंस ट्रायल कराकर अपनी चहेती फर्म केमिकल सिस्टम को सारा भुगतान करा दिया। दिलचस्प बात यह है कि 100 करोड़ की धनराशि की बंदरबांट तो हुई लेकिन मिलों की पेराई दक्षता में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। पेराई दक्षता में बढ़ोत्तरी हुई हो या न हुई हो लेकिन संविदा पर नियुक्त प्रधान प्रबंधक जरूर मालामाल हो गए। इस संबंध में जब गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी से संपर्क करने का प्रयास किया तो फोन उठाने वाले राजेंद्र कुमार ने बताया कि अभी साहब व्यस्त है बात नहीं हो पाएगी। ACS गन्ना वीना कुमारी मीणा ने तो फोन ही नहीं उठाया।
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भ्रष्टाचारी अफसर को ACS गन्ना ने दी संविदा पर नियुक्ति!
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास की अपर मुख्य सचिव की अनुमति के बाद सहकारी चीनी मिल संघ में संविदा पर नियुक्त किए गए प्रधान प्रबंधक तकनीकी विनोद कुमार अग्रवाल के आए दिन नए नए कारनामे प्रकाश में आ रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान नियमों और शर्तों को दरकिनार कर आधा दर्जन चीनी मिलों के मेंटिनेंस का काम देकर लाखों रुपए का गोलमाल किया। इसके साथ ही संघ की ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काली सूची से निकालकर खराब गुणवत्ता के जूस पंपों की आपूर्ति का ठेका देकर लाखों का गोलमाल किया।चीनी मिलों के अपग्रेडेशन में लाखों के गोलमाल का यह तीसरा मामला प्रकाश में आया है। संघ के अधिकारियों ने इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।
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