- आधी रात को कमांड हॉस्पिटल के लिए निकले वहां से कुछ ही देर में किडनी ले आए…ट्रांसप्लांट सफल रहा
लखनऊ। SGPGI के डॉक्टरों जिन्दगी से संघर्ष कर रहे एक युवक के लिए ‘ भगवान ’ बन गए। डॉक्टरों की यह टीम फिर 4 बजकर 35 पर टीम ऑर्गन लेकर कमांड हॉस्पिटल से निकली और महज 22-23 मिनट के अंदर 5 बजे से पहले SGPGI में पहुंच गई। शुक्र है भगवान का कि सुबह का वक्त होने के कारण सड़क पर ट्रैफिक नहीं था और पुलिस टीम का अनावश्यक परेशान भी नहीं करनी पड़ी और न कोई ग्रीन कॉरिडोर ही बनाना पड़ा। SGPG पहुंच कर किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक कर दिया गया।
दरअसल राजधानी स्थिति सेना के कमांड हॉस्पिटल में 56 साल की महिला को न्यूरोलॉजिकल बीमारी के चलते भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इसके बाद ऑर्गन डोनेशन टीम ने काउंसिलिंग करके महिला के पूर्व सैनिक पति समेत अन्य परिजनों को ऑर्गन डोनेशन के लिए राजी किया। इनमें से महिला की एक किडनी कमांड हॉस्पिटल में ही एक मरीज को प्रत्यारोपित की गई, जबकि दूसरी किडनी संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के मरीज को दी गई है।
ये भी पढ़े
अनोखा बदला, हंसते हंसते फूल जाएगा पेट, साली के साथ जीजा फरार, साले के संग उसकी बहन हुई फुर्र
संस्थान में 31 साल के युवक को यह किडनी लगाई गई, जो लंबे समय से गुर्दे की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। यहां तारीफ करनी होगी डॉक्टरों के जज्ब की की टीम की जो रात के ढाई बजे कमांड अस्पताल के लिए निकली। वहां पहुंचकर कैडेवर से किडनी रिकवर की गई और फिर 4 बजकर 35 पर ऑर्गन लेकर कमांड हॉस्पिटल से निकली और 5 बजे से पहले SGPGI में प्रवेश कर गई। यह सर्जरी पूरी तरह सफल रही। प्रत्यारोपण के बाद मरीज में यूरिन आउटपुट सामान्य मिला। सभी जांचों में भी अच्छे परिणाम आए हैं।
इस टीम ने किया ट्रांसप्लांट
SGPGI में ट्रांसप्लांट सर्जरी करने वाली टीम में प्रोफेसर एमएस अंसारी, प्रोफेसर संजय सुरेखा, प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह, नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रोफेसर नारायण प्रसाद, एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर रवि शंकर कुशवाहा और प्रोफेसर तपस शामिल रहे।
