नई दिल्ली। आज एक अक्टूबर की पहली तारिख है। आज की तारीख से आपको कई बड़े बदलाव देखने को मिलगें जिसका असर असर आम जनता की जेब और रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने वाला है। हर महीने की पहली तारीख को जहां कुछ नियम बदले जाते हैं, वहीं इस बार के बदलावों की मार रसोई से लेकर रेल यात्रा और डिजिटल लेन-देन तक में महसूस की जा रही है। त्योहारी सीजन की शुरुआत में तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ा दी हैं, जिससे होटल, ढाबा और छोटे कारोबारियों पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर जारी नई दरों के अनुसार, दिल्ली में अब 19 किलोग्राम का सिलेंडर 1595 रुपये का मिलेगा, जो पहले 1580 रुपये में उपलब्ध था। इसी तरह कोलकाता में यह 1684 रुपये से बढ़कर 1700 रुपये, मुंबई में 1531 से बढ़कर 1547 रुपये और चेन्नई में 1738 से बढ़कर 1754 रुपये हो गया है। हालांकि घरेलू 14 किलो वाले सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे आम घरों को फिलहाल राहत मिली है।
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दूसरी ओर, हवाई यात्रा करने वालों के लिए भी यह महीना महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में इजाफा किया गया है। दिल्ली में एटीएफ का रेट अब 93,766.02 रुपये प्रति किलोलीटर हो गया है, जो पहले 90,713.52 रुपये था। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में भी इसी तरह 2000 से 3000 रुपये प्रति किलोलीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एयरलाइंस कंपनियों की परिचालन लागत बढ़ने से हवाई टिकटों की कीमतों में इजाफा तय माना जा रहा है।
रेलवे ने भी टिकट बुकिंग को लेकर नियमों में बदलाव किया है। अब एक अक्टूबर से तत्काल बुकिंग के शुरुआती 15 मिनट केवल उन्हीं यात्रियों के लिए होंगे जिनका आधार वेरिफिकेशन पहले से हुआ है। यह नियम IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप दोनों पर लागू किया गया है। रेलवे का मानना है कि इससे दलालों और फर्जी बुकिंग पर लगाम लगेगी। हालांकि, जो यात्री PRS काउंटर से टिकट बुक कराते हैं, उनके लिए इस नियम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। UPI से पेमेंट करने वाले करोड़ों यूजर्स के लिए भी यह महीना नया नियम लेकर आया है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब UPI पर पीयर टू पीयर (P2P) कलेक्ट रिक्वेस्ट का विकल्प हटा दिया गया है। यानी कोई भी व्यक्ति अब किसी से पेमेंट की मांग नहीं कर सकेगा, सिर्फ डायरेक्ट पेमेंट की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस फैसले को डिजिटल फ्रॉड रोकने और ट्रांजैक्शन को ज्यादा सुरक्षित बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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अक्टूबर में बैंक ग्राहकों को भी सतर्क रहना होगा, क्योंकि इस महीने कुल 21 दिन बैंक बंद रहने वाले हैं। इसमें गांधी जयंती, दशहरा, लक्ष्मी पूजा, करवा चौथ, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ जैसे त्योहार शामिल हैं। साथ ही हर रविवार और महीने का दूसरा व चौथा शनिवार भी बैंक अवकाश में आएगा। हालांकि, यह छुट्टियां राज्यवार और शहरवार अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए बैंक जाने से पहले स्थानीय छुट्टी सूची जरूर देख लें। त्योहारी मौसम में ये सभी बदलाव आम आदमी की जेब पर असर डालेंगे और खर्चों की योजना को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग इन नियमों को ध्यान में रखते हुए अपनी वित्तीय और दैनिक गतिविधियों की योजना बनाएं, ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके। (BNE)
