- घर से शौच के लिए निकले मासूम छात्र की हत्या
- इससे पहले भी कई घटनाओं में भी लापरवाही की पोल खुल चुकी है,
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। गुडंबा क्षेत्र स्थित सादामऊ गांव निवासी आठ वर्षीय मासूम वीरू को हत्यारों ने ने बेरहमी से मार डाला और पुलिस व क्राइम ब्रांच सुराग तलाश करती रह गई। यह पहला मामला नहीं है जब अपराधियों को पकड़ने में पुलिस व क्राइम ब्रांच फेल साबित हुई। इससे पहले भी कई मामलों में यह गठजोड़ अपराधियों का पता लगाने में नाकाम रहा। राजधानी लखनऊ में हो रहीं घटनाएं पुलिस के गिरते इक़बाल की नजीर है। क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीमों ने ऐसी ही कई घटनाओं में में कथित तौर पर पूरी ताक़त झोंक दी, लेकिन हत्यारे बेनकाब हुए, लेकिन मासूम या फिर किसी की जान चली जाने के बाद।
गुडंबा क्षेत्र स्थित सादामऊ गांव निवासी आठ वर्षीय मासूम छात्र वीरू को हत्यारों ने मौत की नींद सुला दिया और पुलिस व क्राइम ब्रांच हत्यारों को तलाशने का ढोल पीटते रहे।
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इस घटना से साफ है कि अपराधियों की रणनीति के आगे पुलिस की योजनाएं बौनी साबित हो रही है। मासूम छात्र की जान बचाने में नाकाम साबित हुई क्राइम ब्रांच व पुलिस के सामने अभी भी कई मामलों में हत्यारों को पकड़ने की चुनौती है। गौर करें तो दो नवंबर 2010 को इसी थाना क्षेत्र स्थित अतरौली गांव निवासी सात वर्षीय गौरव को अगवा कर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस की बेहद लापरवाही सामने आई थी। वर्ष 2012 में अलीगंज क्षेत्र निवासी 10 वर्षीय हिमांशु का बदमाशों ने अगवा किया। घरवालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज तो कर लिया था, लेकिन मासूम हिमांशु को बचा नहीं सकी। यह तो महज बानगी भर है इससे पहले भी कई घटनाओं में पुलिस की विफलता सामने आ चुकी हैं।
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