- भारत-नेपाल सीमा पर हो रही बड़े पैमाने पर तस्करी की कवरेज करने गए पत्रकार पर जानलेवा हमला
- तस्करों के हमले में पत्रकार गंभीर रूप से घायल, ईलाज हेतु नौतनवां के एक निजी अस्पताल में भर्ती
- पुलिस अधीक्षक की कड़ी फटकार के बाद दो दर्जन तस्करों के खिलाफ गंभीर धाराओं में नौतनवां थाने में मुकदमा दर्ज, जांच शुरू
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नौतनवां महराजगंज! नौतनवां तहसील क्षेत्र में इन दिनों प्रशासन का संरक्षण मिलने से तस्करों का गिरोह अवैध कारोबार के साथ ही लोगों के जान के जान का दुश्मन बन गया। पुलिस उनके खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय लीपापोती करने में लगी हुई है।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हफ्ते या पंद्रह दिनों में तस्कर उनके जेब की अतिरिक्त वजन बढ़ाते रहते।
बता दें कि सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में पुलिसिया संरक्षण में तस्करों का झुंड खाद, चावल, गेहूं, टाईल्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट, सहित अन्य तमाम भारतीय और विदेशी सामानों को दिन-रात सीमा पार करने में जुटे हुए हैं।
यदि कोई भी व्यक्ति इनके अवैध कारोबार का विरोध करता है तो इनका सक्रिय झुंड उससे मार-पीट करने पर आमादा हो जाता है और जब शिकायत पुलिस तक पहुंचती है तो सीमावर्ती थानों पर अपने कुर्सियों से चिपके जिम्मेदार तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय लीपापोती कर शिकायत कर्ता को पुलिसिया रौब दिखाते हुए मामला शांत करने में जुट जाते हैं।
क्योंकि अगर वह तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे तो उनके जेब का अतिरिक्त भार नहीं बढ़ पायेगा। इसलिए भारत नेपाल बार्डर पर स्थित थाना तथा चौकियों पर आसीन जिम्मेदार तस्करों को अवैध कारोबार का खुला छूट दे दिए हैं।
यही प्रमुख कारण है कि सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में तस्करी की बाढ़ आई हुई है। और इन अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के बजाय भारत-नेपाल की खुली सीमा का हवाला देते हुए जिम्मेदार तस्करों की मलाई काट रहे हैं।
इतना ही नहीं कुछ चुनिंदे पुलिस कर्मियों के सह पर अब तस्करी की खबर कवरेज करने वाले पत्रकारों पर तस्कर जानलेवा हमला भी करने लगे हैं। जिसमें स्थानीय प्रशासन की भूमिका अहम बताई जा रही है।
इतना ही नहीं इस अवैध काले कारोबार में प्रशासनिक संलिप्तता का खामियाजा आए दिन भारतीय नागरिक एवं पत्रकारों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला नौतनवां थाना क्षेत्र के बाबू पैसिया का प्रकाश में आया है,
जहां बाबू पैसिया के रहने वाले पत्रकार विशाल अग्रहरी को तस्करी की खबर कवरेज करने से खुन्नस खाए बैरिया बाजार के करीब ढाई दर्जन से अधिक तस्करों ने कट्टा कारतूस, धारदार हथियार, लोहे की राड व लाठी डंडों से लैस होकर बीते शनिवार की सुबह करीब 11 बजे बाबू पैसिया में स्थित उनके हार्डवेयर की दुकान में घुसकर उनके ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गए, उन्हें गंभीर चोट आने के कारण वह बेहोश होकर गिर पड़े। जब इससे भी मनबढ़ तस्करों का मन नहीं भरा तो पत्रकार के दुकान में तोड़फोड़ किये, उनका दो मोबाइल भी तोड़ दिया साथ ही 20 से 21 हजार नगदी लूटकर मौके से फरार हो गए।
शोर शराबा सुन आसपास के लोगों ने मौके पर पहुंचकर बीच बचाव किया तथा आनन फानन में घायल पत्रकार को नौतनवां नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका इलाज चल रहा है।
मामले में विशाल अग्रहरी ने नौतनवां थाने में तहरीर देकर आरोपियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की मांग की। परंतु स्थानीय पुलिस तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने में हीलाहवाली करती रही।
मामला पत्रकार से जुड़ा होने के कारण कुछ वरिष्ठ पत्रकार जनों ने उक्त मामले से पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया और पुलिस द्वारा कार्रवाई करने में टाल मटोल करने की भी शिकाय की। वहीं पुलिस अधीक्षक ने मामले में कड़ा रूख इख्तियार करते हुए नौतनवां थानाध्यक्ष को कड़ी फटकार लगाई और शीघ्र मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया।
इस घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने नौतनवां थानाध्यक्ष को कड़ी फटकार लगाई जिससे नौतनवां पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। बाद में हरकत में आई पुलिस ने कलामुद्दीन खान, आशिक अली खान, मैनुद्दीन खान, लल्लू खान, कैफ खान, शब्बीर खान, नियाज अहमद, रहमतुल्लाह खान, एजाज खान, रिजवान खान, नफीस खान, अजहरुद्दीन, जियाउद्दीन, शहजाद, अमजद खान, अब्दुल करीम, अब्दुल वारी, अनिल जायसवाल, आर्यन जायसवाल, अभिराज जायसवाल, अब्दुल कलाम, नूरुद्दीन व 12 अज्ञात के विरुद्ध आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 392, 323, 307, 427 का मुकदमा दर्ज कर अग्रिम विधिक कार्रवाई में जुट गई है।
इस संबंध में थानाध्यक्ष नौतनवां मनोज कुमार राय ने बताया कि पीड़ित पत्रकार के तहरीर पर 23 नामजद व 12 अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।