शांति रक्षक मेजर राधिका को मिला यूएन अवॉर्ड

शांति रक्षक मेजर राधिका को मिला यूएन अवॉर्ड

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने बुधवार को भारतीय संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की बहादुरी और समर्पण की प्रशंसा करते हुए वैश्विक शांति एवं सुरक्षा में भारत के उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डाला।
कंबोज ने अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक दिवस पर भारतीय सैनिकों के सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद अपने संबोधन में कहा कि भारत के संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों ने दुनिया भर में कमजोर समुदायों की रक्षा करने में निरंतर अटूट साहस दिखाया है। उन्होंने भारतीय शांति सैनिक मेजर राधिका सेन को सम्मानित किए जाने पर गर्व व्यक्त किया, जिन्हें मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, मोनूस्को में तैनाती के दौरान कांगो में उनकी अनुकरणीय सेवा और नेतृत्व के लिए संयुक्त राष्ट्र जेंडर मिलिट्री एडवोकेट अवार्ड मिला है। सेन को गुरुवार को एक समारोह के दौरान यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
इसके अलावा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ काम करने वाले नायक धनंजय कुमार सिंह को गुरुवार को होने वाले समारोह में मरणोपरांत ‘डैग हैमरस्कजॉल्ड’ पदक से सम्मानित किया जाएगा।
मेजर सुमन गवानी के बाद इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाली सेन दूसरी भारतीय अफसर हैं। मेजर गवानी ने दक्षिणी सूडान में यूएन मिशन में सेवा दी थी और उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1993 में हिमाचल प्रदेश में जन्मी मेजर सेन 8 वर्ष पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई थीं। उन्होंने आईआईटी बंबई से परास्नातक की पढ़ाई की है।
कंबोज ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक भावपूर्ण वीडियो संदेश में कहा आज हम संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर वैश्विक शांति एवं सुरक्षा में भारत के असाधारण योगदान को सम्मान देने के लिए एक साथ आए हैं। हमारे बहादुर शांति सैनिकों ने दुनिया भर में कमजोर समुदायों की रक्षा के लिए अटूट साहस, दृढ़ समर्पण और अडिग प्रतिबद्धता दिखाई है।
कंबोज ने अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को याद करते हुए कहा अनगिनत भारतीय शांति सैनिकों ने शांति की खोज में अपने प्राणों की आहुति देते हुए नीले झंडे के नीचे सर्वोच्च बलिदान दिया है। इस वर्ष हम संयुक्त राष्ट्र जेंडर मिलिट्री एडवोकेट अवार्ड प्राप्त करके विशेष रूप से सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह लैंगिक समानता के प्रति भारत के दृढ़ समर्पण और शांति स्थापना में महिलाओं की अमूल्य भूमिका का एक शक्तिशाली प्रमाण है।
इसके साथ ही विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं की वीरता को सलाम, जो संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करते हैं। विशेष रूप से उन लोगों की स्मृति का सम्मान करता हूं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के उद्देश्य को पूरा करने में सर्वोच्च बलिदान दिया है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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