दो धुर विरोधियों के साथ आने से वीरेंद्र चौधरी की राह हुई आसान

  • दिलचस्प मोड़ लेती महाराजगंज लोकसभा की राजनीति 
  • केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री को पहली बार मिल रही कड़ी टक्कर

देवांश जायसवाल

महराजगंज। छह बार के सांसद और केंद्र में वित्त राज्य मंत्री  पंकज चौधरी की राह इस बार आसान नहीं दिख रही है। इस बार गठबंधन के सभी विरोधी एक साथ कदमताल कर रहे हैं। विरोधियों के साथ आने से स्थानीय विधायक वीरेंद्र चौधरी की स्थिति काफी मजबूत हुईं है। गौरतलब है कि इस बार महाराजगंज संसदीय चुनाव बहुत रोचक मोड़ पर पंहुच गया है। गठबंधन दल के कुछ साथी जो असमंजस की स्थिति में थे, सब धीरे धीरे साथ जुड़ने लगे हैं। ऐसा हो जाने से इंडिया एलायंस उम्मीदवार वीरेंद्र चौधरी की स्थिति बेहद मजबूत हो रही है।

केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी को इस बार मिल रही है कड़ी टक्कर

जिले के नौतनवां विधानसभा क्षेत्र की खबर बड़ी दिल चस्पई है। यहां पूर्व सांसद अखिलेश सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने का मंसूबा पाले हुए थे लेकिन उनका पर्चा ही निरस्त हो गया। दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके किसी अनुभवी व्यक्ति का पर्चा खारिज होना आश्चर्यजनक है। लेकिन इस घटना के पीछे कोई कहानी है सकती है।

इसके पहले अखिलेश सिंह सपा से निष्कासित भी कर दिए गए। हालांकि अपने निष्कासन पर वे कहते हैं कि उन्होंने पहले ही पार्टी छोड़ दी थी। अखिलेश के चुनाव न लड़ने की दशा में उनके छोटे भाई मुन्ना सिंह इंडिया एलायंस उम्मीदवार के साथ खुल कर आ गए। साल 2012 में मुन्ना सिंह कांग्रेस से विधायक चुने गए थे लेकिन वे कहने मात्र के ही कांग्रेस विधायक थे। सारा काम वे सपा के लिए करते थे। वे कहते हैं कि विषम परिस्थितियों में राहुल गांधी ने नौतनवां आकर उनके लिए सभा की थी इसलिए उनका धर्म है कि वे इंडिया एलायंस उम्मीदवार की मदद करें। उन्होंने कहा कि वे सपा में हैं इसलिए भी उनका दायित्व है कि वे एलायंस के साथ रहे। हालांकि इंडिया एलायंस उम्मीदवार के साथ रहने से उनके बड़े भाई अखिलेश सिंह नाराज हैं।

कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी इस बार गठबंधन की ओर से लड़ रहे हैं चुनाव

इंडिया एलायंस उम्मीदवार के पक्ष में नौतनवां के ही पूर्व विधायक अमन मणि का आ जाना बड़ी बात है। पूर्वांचल के कद्दावर नेता अमरमणि के पुत्र अमन मणि 2017 में निर्दल विधायक चुने गए थे। 2022 में वे हार गए थे। यह परिवार कांग्रेसी रहा है लेकिन दो दशक से इस परिवार का कांग्रेस से नाता नहीं रहा‌। लोकसभा चुनाव के पहले अमन मणि ने दिल्ली कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस ज्वाइन की थी। वे लोकसभा टिकट चाहते थे। उन्हें टिकट नहीं मिला लेकिन वे कांग्रेस में बने रहे। कुछ दिन पूर्व वे वीरेंद्र चौधरी के पक्ष में खुलकर आ गए और नौतनवां स्थित अपने आवास पर कांग्रेस का झंडा लगाकर कांग्रेसी होने का संदेश भी दिया।

इस तरह देखा जाय तो नौतनवां विधानसभा क्षेत्र के दो धुर विरोधी इंडिया एलायंस उम्मीदवार के साथ एक मंच पर आ गए। लोगों का कहना है कि नौतनवां विधानसभा क्षेत्र में अमन मणि और मुन्ना सिंह का अपना अपना बड़ा जनाधार है और इसका सीधा फायदा लोकसभा के इंडिया एलायंस उम्मीदवार को मिलना तय है। अमन मणि और मुन्ना सिंह वेशक अलग अलग दलों के हैं लेकिन लोकसभा के चुनाव में साथ आना छह बार के सांसद पंकज चौधरी के समक्ष मुश्किलों के पहाड़ जैसा है।

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