- पूछताछ में कई चौंकाने वाले राजफाश आए अवैध रूप से होलोग्राम लगाकर की थी करोड़ों की नकली शराब की थी बिक्री
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। एक ओर जहां देश व प्रदेश लोकसभा चुनाव की तपिश तो दूसरी तरफ शराब माफियाओं की गरमाहट ने संबंधित विभाग की नींद हराम कर दी है। करोड़ों शराब घोटाले के मामले में राज्य की एसटीएफ ने शराब घोटाले के आरोपी विधू गुप्ता को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस के गिरफ्त में आया विधू गुप्ता ग्रेटर नोएडा की एक कंपनी प्रिज्म होलो ग्राफ और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शिकायत पर ग्रेटर नोएडा के कासना पुलिस थाने में शराब घोटाले के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
ऐसे किया था गया करोड़ों का
राज्य STF के अनुसार शराब बिक्री करने के लिए बिक्री में शामिल आबकारी विभाग के अधिकारियों और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुणपति त्रिपाठी ने प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड नोएडा को दिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया और राज्य आबकारी विभाग, छत्तीसगढ़ को होलोग्राम सप्लाई करने का टेंडर शर्तों पर दिया।
बताया जा रहा है कि विधू ने डुप्लीकेट होलोग्राम प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड नोएडा के डायरेक्टर विधू गुप्ता को टेंडर के बदले प्रति होलोग्राम 8 पैसा कमीशन और अवैध शराब की बिक्री के लिए डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई करनी थी. टेंडर मिलने के बाद विधू गुप्ता ने सीएसएमसीएल के एमडी अरुणपति त्रिपाठी के आदेश पर डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई शुरू कर दी. गैंग के लोग डुप्लीकेट होलोग्राम को विधू गुप्ता से लेकर सीधे डिस्टलरीज (1- वेलकम डिस्टलरीज 2- छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज लिमिटेड, 3- भाटिया वाईन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड) को सीधे पहुंचा देते थे।
जालसाजी करने का हाईटेक तरीका
बताया जा रहा है कि डिस्टलरिज इन होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपका देते थे जिसके बाद उन बोतलों को छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के लोगों द्वारा फर्जी ट्रांजिट पास कराते. इसके बाद इस अवैध शराब को सीएसएमसीएल की दुकानों पर ले जाया जाता था। उन दुकानों में इस गैंग से संबंधित मैन पावर सप्लाई कम्पनी के कर्मचारी रहते थे, जो इस शराब की बिक्री ओरिजिनल शराब के साथ करते थे।
विधू गुप्ता ने दी थी 90 लाख रुपये घूस: इस गैंग से जुड़े लोगों को ही कैश इकट्ठा करने का ठेका मिला था. गैंग के लोगों कैश इकट्ठा करके ऊपर तक पहुंचाते थे। इस प्रक्रिया में शामिल नीचे से ऊपर तक के हर किसी का कमीशन फिक्स था। इस गैंग के ने 2019 से 2022 तक अवैध शराब की सप्लाई की, जो हर महीने 400 ट्रक तक होती थी।
यह भी बात सामने आ रही है कि विधू गुप्ता ने आबकारी विभाग छत्तीसगढ़ को होलोग्राम का टेंडर मिलने पर 90 लाख रुपये घूस दी थी। नकली होलोग्राम लगाकर शराब की करते थे बिक्री: छत्तीसगढ़ में शराब माफियाओं और अधिकारियों ने मिलीभगत कर शराब की बोतलों में नकली होलोग्राम लगाकर शराब की बिक्री कर रहे थे। घोटाले के आरोपियों में तत्कालीन आबकारी आयुक्त छत्तीसगढ़ निरंजन दास, अरुणपति त्रिपाठी (एमडी, सीएसएमसीएल व विशेष सचिव आबकारी, छत्तीसगढ़), अनवर ढेबर (राजनेता), तत्कालीन सचिव इंडस्ट्रीज छत्तीसगढ़ अनिल टुटेजा, विधू गुप्ता (डायरेक्टर, पीएचएसएफ प्राईवेट लिमिटेड, नोएडा) के खिलाफ गौतम बुद्ध नगर के कासना पुलिस थाना में ईडी ने एफआईआर दर्ज कराया था