आतंकी घुसपैठ के लिये मुफीद साबित हो रही है भारत-नेपाल सीमा

  • तीन दशक में पकड़े गये हैं कई खूंखार आतंकवादी
  • साल 1992 में पहली बार सोनौली बार्डर आतंकी घुसपैठ के लिए चर्चा में आया

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज । आतंकवादियों के घुसपैठ का सबसे आसान राह इन दिनों भारत नेपाल बॉर्डर बन चुका है। बुधवार तीन मार्च 2024 को भारत- नेपाल के सोनौली बार्डर पर नेपाल से भारत में प्रवेश कर रहे तीन आतंकियों को सुरक्षा एजेंसियों ने शेख फरेंदा से उस वक्त गिरफ्तार कर लिया जब वह भारत में चोरी से अवैध रूप से घुसपैठ कर रहे थे। जो आतंकी पकड़े गए उनमें से दो सैयद गजनफर और नासिर अली पाकिस्तान और एक मोहम्मद अल्ताफ भट्ट कश्मीर का रहने वाला है।

इससे पहले साल 1992 में खालिस्तानी एरिया फोर्स का कमांडर सुखबीर सिंह उर्फ राजू खन्ना,मलेशिया में छोटा राजन पर हमला करने वाला नूरबख्श उर्फ नूरा, इंडियन मुजाहिद्दीन का यासीन भटकल,संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिक डॉ.जावेद,विलाल अहमद बट्ट, खालिद मीर या हिजबुल मुजाहिद्दीन का नासिर अहमद वानी, ये सब इसी रास्ते से भारत में घुसने की फिराक में सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाले पाकिस्तान के लिए 1751 किमी लंबी खुली भारत-नेपाल सीमा सबसे मुफीद साबित हो रही है। यही वजह है कि अब आतंकी बाघा या अन्य बॉर्डर की बजाय इस रूट को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। खुफिया एजेंसियों की माने तो ये आतंकी आसानी से पाकिस्तान से दुबई पहुंचते फिर वहां से काठमांडू और काठमांडू से भारत की ओर आते और दोनों देशों की खुली सीमा से घुसने की कोशिश करते हैं। कुछ कामयाब भी हुए जबकि कई पकड़े भी जा चुके हैं। बताया जाता है कि काठमांडू स्थित कश्मीरी मुहल्ला ही आईएसआई गतिविधियों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है जहां आतंकी आते हैं और उन्हें यहां आसानी से पनाह मिल जाता है। यहां वे अपनी पहचान छिपाकर कश्मीरी बन कर रहते हैं और मौका मिलते ही भारत-नेपाल की खुली सीमा से भारत में प्रवेश कर जाते हैं। बीते 13 मई 2023 को पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर अपने 4 बच्चों के साथ यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के खुनुवां बार्डर से अवैध रूप से घुसपैठ कर नोएडा (दिल्ली) जाने कामयाब हो गई थी। जिसकी जांच अभी चल रही है।

पिछले तीन दशक में दर्जनों खतरनाक आतंकी भारत-नेपाल सीमा पर दबोचे जा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियां अपनी हर रिपोर्ट में भारत-नेपाल सीमा को अति संवेदनशील बता चुके हैं भारत का पड़ोसी और मित्र देश नेपाल आतंकियों के लिए मुफीद साबित हो रहा इस बात की तस्दीक 1992 में हुई जब सोनौली बॉर्डर पर खालिस्तानी एरिया फोर्स के कमांडर और पंजाब के उग्रवादी सुखबीर सिंह उर्फ राजू खन्ना को सोनौली चौकी प्रभारी राम इकबाल राम और नौतनवां थानाध्यक्ष बीडी यादव ने मारूति कार समेत धर दबोचा था। मारूति कार की जब तलाशी हुई तो उसमें अलग तरह की एक कैविटी बनी हुई थी। राजू खन्ना उसी कार से काठमांडू से सोनौली के रास्ते दिल्ली जाने की फिराक में था पर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसके बाद 2007 में मलेशिया में छोटा राजन पर हमला करने वाला नूरबख्श उर्फ नूरा दुबई से पाकिस्तान और पाकिस्तान से  नेपाल होते हुए काठमांडू पहुंचा। नूरबख्श बस द्वारा भारतीय सीमा से सटे बेलहिया बस अड्डे पर उतरा और वहीं पर निजी टैक्सी हायर कर दिल्ली के रास्ते मुंबई जाने वाला था। उस दौरान सरहद पर सुरक्षा में चूक हुई और वह नौतनवां कस्बे से आगे निकल गया तभी मुड़िला नामक स्थान पर चेकिंग के दौरान कस्टम अधिकारियों के हत्थे चढ़ गया था। सिद्धार्थनगर के बढ़नी बार्डर पर अजमेर सिंह व भाग सिंह नामक आतंकी धरे गए थे।

साल 1993 में मुंबई कांड का आरोपी टाइगर मेमन भी सोनौली बॉर्डर पर ही दबोचा गया। इनके अलावा नेपाल से अपनी गतिविधियां संचालित करने वाले पाकिस्तानी आतंकी जब्बार को एटीएस ने लखनऊ में पकड़ा था। जब्बार भी नेपाल सीमा के रास्ते ही भारत में घुसा था लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया। यही नहीं बब्बर खालसा का खतरनाक उग्रवादी मक्कन सिंह बढ़नी (सिद्दार्थनगर) में पकड़ा गया था। भारत-नेपाल सीमा पर ही देश के लिए खतरा बने टॉप आतंकियों में शुमार अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस ने दबोचने में कामयाबी हासिल की थी। फिर इंडियन मुजाहिद्दीन का खूंखार सिपहसालार यासीन भटकल नेपाल की सीमा पर पकड़ा गया। अक्टूबर 2016 में डॉ.जावेद नामक एक संदिग्ध पाकिस्तानी पकड़ा गया था। बीते 13 मई 2017 को हिजबुल आतंकी नासिर अहमद वानी को गिरफ्तार किया गया। उसका दोस्त भागनेइ फरार रहा। कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सेना का एक अफसर भी भारतीय सीमा से सटे नेपाल के बेलहिया से लापता हो गया था। उस वक्त आशंका जताई गई थी कि वह नेपाल या भारत में कहीं छुप कर आतंकी गतिविधियां संचालित कर रहा है।

खुफिया एजेंसियों की माने तो नेपाल में आईएसआई ने पूरी तरह से अपनी जड़े जमा रखा है तथा सरहद पर काफी जाल बिछा रखा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने ही भारत विरोधी गतिविधियों को संचालित करने के लिए इंडियन मुजाहिद्दीन नाम के आतंकी संगठन का गठन कराया था। इसका गठन नेपाल में स्थित हिमालयन होटल में किया गया था। इतना ही नहीं भारत के एक प्रसिद्ध राजा के नाम पर भैरहवा में बना एक होटल भी आईएसआई गतिविधियों के लिए लिए चर्चा में था। बॉर्डर पर पकड़ा गया आईएम का यासीन भटकल ही सर्वे सर्वा था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद आईएम को पूरा सहयोग भारत में आतंक फैलाने और गतिविधियां संचालित करने में करती है। यासीन भटकल पर 10 लाख रुपए का इनाम भी था  जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने 29 अगस्त 2013 को उसे और उसके साथी असदुल्लाह अख्तर के साथ बिहार के रक्सौल बार्डर पर गिरफ्तार किया था।

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