सबसे आगे योगीः कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी…

  • सभी चौंके थे जब BJP व संघ ने योगी को साल 2017 में बनाया था मुख्यमंत्री
  • हिंदू युवा वाहिनी के बैनर तले पूरे पूर्वांचल में जुल्म के खिलाफ ला दिए थे जनसभाओं की बाढ़
  • नेपाल के कृष्णानगर मे विशाल हनुमान मंदिर के उद्घाटन के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छा गए थे योगी
  • राजनीति के जानकारों का कहना है कि लखनऊ के बाद अगला पड़ाव दिल्ली तो नही?
विजय श्रीवास्तव
विजय श्रीवास्तव

लखनऊ/सिद्धार्थनगर। ‘अपने पास होगा दम तो जमाना देगा साथ’ की लाईन को अपने जमीनी संघर्ष के बल पर चरितार्थ करने वाले गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ अब उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा दिनों तक राज करने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने चार दफा मुख्यमंत्री रहीं बसपा सुप्रीमो मायावती के 2571 दिनों के रिकार्ड को तोड़ते हुए नम्बर-1 CM बन गए हैं। अपनी चुस्त-दुरुस्त कार्यशैली और माफिया पर बुल्डोजर बाबा बनकर कहर बरपाने वाले योगी भारत में नम्बर-1 CM के रूप में पहले से ही नवाजे जा रहे थे। उन्होंने मुलायम सिंह यादव के 2464 दिन (तीन दफा सीएम) और सम्पूर्णानंद के 2170 दिन (दो दफा मुख्यमंत्री) के रिकार्ड को भी पछाड़ दिया। वो भी तब, जब वो लगातार कुर्सी पर विराजमान है। YOGI से पहले अभी तक कोई भी शख्स UP के तख्त पर इतने दिनों तक नहीं बैठ सका था। शायद उनकी चुस्त-दुरुस्त कार्यशैली का ही नतीजा है कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में देश के 20 हजार से ज्यादा उद्यमियों ने 39 लाख करोड़ के निवेश का करार किया। ये करार अब तक तकरीबन 25 प्रतिशत जमीन पर उतर चुका है।

इस बड़ी सफलता के पीछे बरसों पुरानी कथा है। साल 2002 में हिंदू युवा वाहिनी के गठन के बाद पूरे पूर्वांचल में जहां कहीं भी जुल्म-ज्यादती की खबर योगी सुनते थे अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच जाते थे। उनका काफिला छोटा निकलता था, लेकिन हिंदुत्व की प्रचंड आग में तपकर तैयार हो रहे युवाओं की टोली उनके काफिले में जुड़ती जाती थी और प्रशासन कार्रवाई के लिए मजबूर हो जाता था। राष्ट्रीय फलक पर योगी की चर्चा तब शुरू हुई, जब एक मामले में आजमगढ़ सभा करने जाते समय उनके काफिले पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया था। इस घटना के बाद गोरखपुर आते समय प्रदेश सरकार ने उन्हें शान्ति भंग में गिरफ्तार कर आग में घी डालने का काम किया था। योगी की गिरफ्तारी के विरोध मे पूरे पूर्वांचल में समर्थकों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और सरकार के हाथ पांव फूल गए थे। खुफिया रिपोर्ट पर सरकार को उन्हें रिहा करना पड़ा था। इन्हें व इनकी क्षमता जानने वाले राजनीतिक पंडितों का कहना है कुंडली व लोकप्रियता में पूर्वांचल से लखनऊ की यात्रा करने वाले योगी का अगला पड़ाव दिल्ली हो सकता है। ग्रहों का बड़ा सुखद योग उनके पक्ष में बनता दिख रहा है।

15 मई 2016 को नेपाल के कृष्णानगर मे हनुमान जी के विशाल मंदिर के उद्घाटन पर सभा को संबोधित करते योगी 

सीएम बनने के कई वर्ष पहले नेपाल के पूर्व सांसद अभिषेक प्रताप शाह व उनके परिवार के मुखिया डॉ. रुद्र प्रताप शाह के निमंत्रण पर नेपाल के कृष्णानगर में विशाल हनुमान जी के मंदिर के उद्घाटन मे सैकड़ों गाड़ियों के लाव-लश्कर के साथ गए जहां लाखों की भीड ने उनका स्वागत किया था। नेपाल में योगी का आगमन उनके हिंदूवादी छवि को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पहली बार उभारा था। बताते चलें कि यही वह क्षण था जब योगी BJP व संघ के पसंद वाले टॉप-10 की सूची में शामिल हो गए थे।

पूर्वांचल में इनके संगठन हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेन्द्र सिंह जो साल 2017 में डुमरियागंज से विधायक बने, उनके अगुआई में संगठन इतना मजबूत हो गया था कि उस समय के प्रशासन को हिंदू युवा वाहिनी के लोगों के गले मे नारंगी गमछा देखर ही पसीना छूट जाता था। संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता इनके एक इशारे पर सड़कों पर उतर जाते थे। अपने संगठन के अदना से कार्यकर्ता के सुख-दुख मे खड़े होकर विश्वास जगाकर संगठन को मजबूती प्रदान किये थे। मुख्यमंत्री बनने के बरसों पहले जब ये गोरखपुर से लगातार सांसद व हिन्दू युवा वाहिनी के मुखिया थे इनकी लोकप्रियता का ग्राफ आसमान पर था।

सांसद योगीजी 2010 मे बढनी के राम-जानकी मंदिर जीर्णोद्धार मे सहयोग करते हुए,

गोरखपुर से देवीपाटन मंदिर तुलसीपुर (बलरामपुर) जाते समय रास्ते में सिद्धार्थनगर जिले श्याम धनी राही (वर्तमान विधायक) सहित तमाम लोग जो शोहरगढ में दो बार के नगर पालिका चेयरमैन स्व. सुभाष गुप्ता के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना चाहते थे, उन्हें बैरिकेटिंग लगाकर रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। गोरखपुर से शोहरतगढ़ आते समय जिले की सीमा उस्का बाजार के पास प्रशासन बैरिकेटिंग किया था। साथ ही योगी समर्थक अजय सिंह पर सरकार ने फर्जी गैंगेस्टर लगाकर पूरे परिवार का उत्पीड़न किया था, जिसे बाद में सीएम बनने के बाद स्वयं योगी ने समाप्त करवाया।

देवी पाटन मंदिर आने-जाने के कारण तत्कालीन सरकार ने परसा में अजय सिंह जो बाद मे जिला पंचायत सदस्य बने, बढ़नी में सुनील अग्रहरि वर्तमान नगर पंचायत चेयरमैन व भानू सिंह (रामलीला समिति बढ़नी के प्रबंधक हैं) पर तमाम मुकदमें लादकर परेशान किया था। बढ़नी के वरिष्ठ एडवोकेट श्रवण श्रीवास्तव के साल 2012 में BJP के सिम्बल पर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ तो योगी बढ़नी में मंच से प्रचार किए। उन्होंने छात्रसंघ अध्यक्ष राजकुमार सिंह, विजय चौधरी, त्रिजुगी अग्रहरि सभासद, रानू श्रीवास्तव सभासद,  मनोज पांडेय, अजय यादव, गणेश अग्रहरि, विनय अग्रहरि, राजकुमार अग्रहरि आदि पदाधिकारियों के पक्ष में प्रचार किया। यानी योगी को शुरू से ही अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं की चिंता थी, जो आज भी बदस्तूर जारी है। तब की सरकार ने जिन-जिन लोगों पर फर्जी मुकदमा लादी थी, योगी ने सभी हटवा दिए।

समर्थकों, हिन्दू युवा वाहिनी के लोगों को संबोधित करते योगी, 

नेपाल के कृष्णानगर के शाह परिवार के युवक दिनेश प्रताप के अचानक देहावसान की खबर पर योगी जी गोरखपुर से आकर शोक-संवेदना व्यक्त किये। नेपाल से वापसी पर बढ़नी में राजकुमार सिंह राजूशाही के घर जाकर जलपान किए और परिवार को आशीर्वाद दिया। वहां से बढ़नी ब्लाक के रेकहट मे अपने अदना से कार्यकर्ता दिलीप गौतम के रोड दुर्घटना मे मृत्यु होने पर उसके घर जाकर शोक-संवेदना व्यक्त किए। कपिलवस्तु विधानसभा के युसुफपुर गांव के दो यादवों की हत्या होने पर योगी के आने की खबर पर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये थे। न चाहते हुए योगी को आने का प्रमीशन देना पडा था। बढ़नी ब्लॉक के मटियार भुतहवा में लव-जेहाद के मामले मे सैकड़ों गाड़ियों के काफिले को लेकर जाने से प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करके पीड़ित परिवार को न्याय देने को मजबूर होना पड़ा था।

चूंकि मै तब सिद्धार्थनगर में एक हिंदी दैनिक का क्राईम रिपोर्टर था, इसलिए योगी व उनके कार्यकर्ताओं के प्रत्येक गतिविधियों पर पैनी नजर रखता था। हालांकि तब अच्छी-बुरी सभी खबर छपती थी। कई बार आलोचना छपने पर हमें कार्यकर्ताओं के कोप भाजन का शिकार भी होना पडा था। अपनी जबरदस्त संगठनात्मक क्षमता के चलते ही योगी BJP व संघ के पहली पसंद बन सके थे। अचानक जब उनको मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई तो दुनिया भर के राजनीति के जानकार न केवल चौंके थे, बल्कि चौक-चौराहों पर चर्चा भी शुरू हो गई थी। कि भगवाधारी को बिठाने से सूबे का मटियामेट हो जाएगा। लेकिन योगी ने सभी आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए ऐसी कड़क और साफ छवि बनाई की पूरे देश में फख्र से उनका नाम बेहतरीन मुख्यमंत्री के लिए लिया जाता है। आज बतौर मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश में उनके संगठनात्मक व प्रशासनिक क्षमता की झलक दिख रही है। आदतानुसार आज भी वो पूरे प्रदेश का दौरा करते हैं और अपनी अलग पहचान के कारण लोगों के दिलों में बसते जा रहे हैं।

कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने में नहीं छोड़ी कसर

पिछले साल जब प्रयागराज में सरेआम उमेश पाल की हत्याकर माफिया ने योगी के लॉ एंड आर्डर पर वार किया तो गुस्साए योगी विधानसभा में गरजे थे- ‘मिट्टी में मिला देंगे।’ नतीजतन कुछ दिनों बाद ही माफिया अतीक अहमद का बेटा असद झांसी में हुए पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। गौरतलब है कि CM योगी का पिछले साल 25 फरवरी को विधानसभा में सम्बोधन चल रहा था, तभी पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उन पर गम्भीर टिप्पणी की। इस पर नाराज योगी ने उन पर उंगली उठाते हुए कहा था- “क्या यह सच नहीं है कि अतीक अहमद, जिस पर पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है, सपा द्वारा पोषित माफिया है, और हमने केवल उसकी कमर तोड़ने का काम किया है? और मैं आज इस सदन से कह रहा हूं, मैं इस माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा।” असद के एनकाउंटर के बाद यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कुछ देर में ही टॉप पर ट्रेंड करने लगा था। मुज्जफरनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा भी था कि भ्रष्टाचारी, अपराधी और बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वालों के लिए डबल इंजन की सरकार महाकाल है। बेटियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाला कोई भी हो वो धरती पर नहीं रसातल में जाएगा।

योगी ने कहा- नए भारत के नए उत्तर प्रदेशके सृजन को समर्पित रहे सात साल

मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने सात साल का कार्यकाल सोमवार को पूरा किया। इस अवसर पर CM योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रदेश की जनता का आभार जताया है। मुख्यमंत्री ने लिखा- “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणादायी मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की सेवा, सुरक्षा और समृद्धि के संकल्प को आज सात वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन सात बरसों में सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के माध्यम से हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफलता प्राप्त हुई है। यह सात वर्ष ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ के सृजन को समर्पित रहे हैं। लोक-कल्याण के पथ पर चलते हुए डबल इंजन सरकार प्रदेशवासियों के हर सपने को साकार करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। प्रदेश की जनता-जनार्दन और सभी सहयोगियों का सहयोग-समर्थन के लिए आभार।”

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