द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी आज है, जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि और संकष्टी चतुर्थी…

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता 

संकष्टी चतुर्थी  एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है “सभी संकटों को दूर करने वाली चतुर्थी”। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

चतुर्थी का मुहूर्त

फरवरी 28, 2024 बुधवार  द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी  09:42 पी एम

संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। साफ कपड़े पहनें। फिर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। मूर्ति या चित्र के सामने एक चौकी पर चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, मोदक, दूर्वा, बेल पत्र आदि रखें। फिर भगवान गणेश की पूजा करें। पूजा में गणेश चालीसा, गणेश अष्टोत्तरशतनामा, या कोई अन्य गणेश मंत्र का जाप करें। पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद बांटें।

क्यों कहते हैं द्विजप्रिय?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती भगवान भोलेनाथ से किसी बात पर रूठ गईं थीं, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें मनाने के लिए इस व्रत को किया। ये दिन गणेश भगवान और माता पार्वती दोनों को अत्याधिक प्रिय है, जिसकी वजह से इसे द्विजप्रिय चतुर्थी कहते हैं।

संकष्टी चतुर्थी के लाभ निम्नलिखित हैं,

इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

इस दिन व्रत रखने से मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान, और विवेक की प्राप्ति होती है।

इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का आगमन होता है।

यह उपाय द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन करें

संकष्टी चतुर्थी के दिन गाय के घी में सिंदूर मिलाकर दीपक जलाना चाहिए। फिर इस दीपक को गणेश जी के सामने रख दें। इस दिन गणेश जी को गेंदे के फूल चढ़ाने चाहिए और गुड़ का भोग लगाना चाहिए। आपको शुभ परिणाम मिलेंगे।

केले के पत्ते को अच्छी तरह से साफ करके उस पर रोली चंदन लगाकर त्रिकोण आकार बना लें। उसके बाद पूजा स्थान पर केले का पत्ता रखें और उसके सामने दीपक जलाएं। इसके बाद त्रिकोण आकार के बीच में दाल और लाल मिर्च डालें। इसके बाद अग्ने सखस्य बोधि नः मंत्र का जाप करें।

गणेश जी की पूजा करते समय साफ और हरे रंग के वस्त्र धारण करें। इसके साथ ही पीले आसन पर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। इससे भगवान गणेश बहुत प्रसन्न होंगे और आपकी सभी समस्याओं का समाधान होगा।

संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के मस्तक पर चंदन, सिंदूर और अक्षत का तिलक लगाना चाहिए। इससे भगवान गणेश बहुत प्रसन्न होते हैं और साथ ही देशवासियों के सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।

संकष्टी चतुर्थी के दिन पांच दूर्वाओं में ग्यारह गांठ बांधकर लाल वस्त्र में बांधकर श्रीगणेश के सामने रखें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करना चाहिए। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

Religion

सावन में इन वस्तुओं का श्रृंगार और अर्पण देता है एक करोड़ कन्यादान का पुण्यफल

भगवान शिव को चढ़ाते हैं प्राकृतिक चीजें, जानें क्यों इसका महत्व और क्या है फल… भोलेनाथ हैं प्रकृत्ति के देवता, उनका श्रृंगार प्रकृति करती है इसलिए चढ़ाते हैं कई वस्तुएं आचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा सावन सोमवार से भगवान शिव का प्रिय महीना शुरू हो गया है। इस दौरान भक्त भगवान को कई प्राकृतिक चीजें चढ़ाते […]

Read More
Religion

आज समाप्त होगा अग्नि पंचक, जानें पंचक के प्रकार

आज यानी 27 जुलाई को दोपहर 1 बजे अग्नि पंचक समाप्त होगा। पंचक शब्द से आप शायद परिचित हों लेकिन पंचक क्या होता है, पंचक कितने तरह के होते हैं। शुभ और अशुभ पंचक कौन–कौनसे होते हैं, इसके बारे में जानिए: हिंदू धर्म में हर शुभ काम अच्छा मुहूर्त देखकर किया जाता है। भारतीय ज्योतिष […]

Read More
Religion

सावन विशेषः अपनी राशि के अनुसार करें भगवान शंकर की पूजा, होगी हर कामना पूर्ण, जानें

श्रावण मास  के प्रत्येक दिन किया जाता है भगवान शिव जी का पूजन …तो भोलेनाथ होंगे अत्‍यंत प्रसन्‍न और करेंगे आपकी सभी मनोकामना पूरी ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा सावन माह में श‍िवजी की पूजा का व‍िशेष महत्‍व माना गया है, लेकिन आप अपनी राश‍ि के अनुसार भोलेनाथ जी की पूजा करें तो श‍िवजी अत्‍यंत प्रसन्‍न […]

Read More