डुबकी लगाई मोदी ने सागर में! लक्षद्वीप के सितारे चमक उठे!!

के. विक्रम राव 

यदि भारत के लिए इस्लामी मालद्वीप एक आपदा बनकर आया था तो मुस्लिम-बहुल लक्षद्वीप अब अवसर बनकर आया है। पर्यटकों का कयाम अब लक्षद्वीप हो गया है। यहां प्रधानमंत्री की सागर में एक डुबकी से ही साढ़े चार सौ प्रतिशत वृद्धि हुई है ऑनलाइन सर्च में। यात्री कंपनियों ने “भारत के सागरतट” नामक योजना बनाई है। गत वर्ष दो लाख भारतीय मालदीप गए थे। अब वे लोग लक्षद्वीप को पड़ाव बना रहे हैं। मुस्लिम मालदीव को चुनौती के रूप में यहूदी राष्ट्र इजराइल लक्षद्वीप में एक विशाल “डिसेलिनेशन” जल (नमक रहित समुद्री पानी) का उत्पादन कराएगा। इस द्वीप क्षेत्र में पेयजल की समुचित आपूर्ति हो जाएगी। अतः अब मालदीव के राजनेताओं को चीन से यारी और भारत की उपेक्षा बड़ी महंगी पड़ रही है। लक्षद्वीप का दौरा करके, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यटन के लिए इसकी अपार संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। वे बोले : “यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। अधिक पर्यटक लक्षद्वीप की समृद्धि में योगदान देंगे। वे इसकी अनूठी संस्कृति और परंपराओं का भी अनुभव करेंगे। लक्षद्वीप का राजनैतिक विश्लेषण करें। पड़ोसी केरल की मुस्लिम लीग इसे ”दक्षिण का कश्मीर” बनाने हेतु आतुर है। यह प्राकृतिक सौंदर्यवाला भूभाग सुर्खियों में छाया है। केरल की सत्तासीन वामपंथी मोर्चा के ”टुकड़े—टुकड़े गैंग” की नीति के कारण माकपा अपने शत्रुदल मुस्लिम लीग से यारी में हिचकती नहीं दिख रही है। यूं मुस्लिम लीग तो विपक्षी कांग्रेस—नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा की घटक है।

इन पिछड़े, उपेक्षित, मगर अत्यधिक सामरिक महत्व के जजीरों पर कम्युनिस्ट चीन और इस्लामी पाकिस्तान की गिद्धदृष्टि वर्षों से लगी है। मसलन अगस्त 1947 की घटना याद कर लें। मुस्लिम—बहुल लक्षद्वीप को कब्जियाने हेतु नवनिर्मित इस्लामी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां लियाकत अली खान ने अपनी नौसेना भेज दी थी। मगर तब तक लौह पुरुष गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई झावेरदास पटेल ने भारतीय नौसेना के बेड़े को आदेश दिया कि रक्षार्थ वह भी अरब सागर में जाये। किन्तु आदेश विलंब से था। अत: सरदार पटेल ने स्वाधीनता सेनानी, कांग्रेस नेता पनमपल्ली गोविंद मेनन द्वारा त्रावन्कोर—कोचिन पुलिस को प्रेषित कर पाकिस्तानी नौसैनिकों को मार भगाया। भोर में रविरश्मियों से चुम्बित यहां के रेतीले तट की शैलभित्तियों का यह अनिवर्चनीय आकर्षण भारत में ही रह गया। यह हसीन द्वीपसमूह दलगत राजनीति से भी ग्रसित रहा। पिछले (2019 के) संसदीय चुनाव के समय भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी (1987) सपरिवार, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तथा अमिताभ बच्चन, आदि को लेकर आधुनिक नौसना के पोत आईएनएस विराट पर पिकनिक मनाने लक्षद्वीप गये थे। वायुयान से विदेशी शराब और मांसाहार मंगवाया था। ऐश किया था। मानों यह करोड़ों रुपये का यह जलपोत निजी टैक्सी हो। राजकोष के खर्च कर पारिवारिक मौज मनाया गया था। नौसना के रिटायर्ड कोमोडर अजय चिटनीस साक्षी रहे। पत्रिका ”इंडिया टुडे” में सरकारी सैरसपाटे की विस्तार में सचित्र रपट छापी थी। लक्षद्वीप में इस्लाम के प्रचार का विचित्र इतिहास है। इस्लाम की शुरुआत 631 ई. में एक अरब सूफी उबैदुल्लाह द्वारा की गई थी। जबकि, सरकारी दस्तावेजों में लक्षद्वीप में इस्लाम के उदय की बात 7वीं शताब्दी से की जाती है। यहां इस्लाम के फैलने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यहां के एक राजा चेरामन पेरुमल द्वारा इस्लाम को कुबूल करने को माना जाता है।

लक्षद्वीप के दस बार निर्वाचित कांग्रेसी लोकसभायी पीएम सईद ने अपने इस क्षेत्र की लगातार उपेक्षा की। विकास शून्य रहा। मगर प्रधानमंत्री बनने के कुछ वर्षों में नरेंद्र मोदी ने यहां नए प्रशासक प्रह्लाद खोडा पटेल को भेजा। उन्होंने विकास का दौर शुरू किया। मगर उनके द्वारा चलाई गई विकास योजना के विरोध में आंदोलन चल रहा है। यह पटेल महाशय दादरा, नगर हवेली, दमण के प्रशासक है। वे नरेन्द्र मोदी की गुजरात काबीना में गृहमंत्री रहे। पटेल ने बीड़ा उठाया है कि इस अति पिछड़े आंचलिक क्षेत्र को आधुनिक भारत का भाग बनायेंगे। नई विकास योजनाओं के तहत लक्षद्वीप की सकरी, जर्जर सड़कों का चौड़ीकरण, लघु उद्योगों का, खासकर नारियल के रेशों का उत्पादन, मछली उद्योग (विशेषकर टूना मछली) का विस्तार और देश—विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करना आदि शामिल है। उनका लक्ष्य है कि द्वीप का भारतभूमि से संपर्क सूत्र बढ़े जैसे वायुयान तथा स्टीमर—नौकायें आदि चलवाना।

हालांकि यहां के चन्द पुराने मुनाफाखोरों ने दैनिक ”अरब न्यूज” को बताया कि प्रशासक पटेल ने गोमांस की बिक्री बंद करा दी। शराब की दुकानें खुलवा दीं। दो से अधिक संतान वालों को पंचायत के चुनाव लड़ने से वर्जित करा दिया। बड़े होटल उद्योग को निवेश हेतु आमंत्रित किया। इस पर पटेल के समर्थकों का जवाब है कि पर्यटन विकास हेतु आधुनिक सुविधायें उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इससे रोजगार बढ़ेगा। आय दोगुनी होगी। इसी भांति समुद्रीय खाद्य उद्योग भी फैलेगा। लक्षद्वीप में अभी तक शीतगृह के अभाव में मछलियां सड़ जातीं थीं। अब कोल्ड स्टोरेज की श्रृंखला निर्मित हुयी है। मछुआरों की आय बढ़ी है। सौरऊर्जा केन्द्र स्थापित किये गये है कि द्वीप जगमगा सके। शिक्षा के क्षेत्र में चिकित्सा एवं इंजीनियरिंग संस्थान बन रहे है, ताकि द्वीपवासियों की संतानें दूर कोचिन, चेन्नई आदि जाने के बजाये यहीं प्रशिक्षण पाये। पंचायत में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण मिला है। इसकी मजहबी लोगों ने आलोचना भी की है। प्रह्लाद खोडा पटेल का आग्रह है कि पुराने उपनिवेशों (दमण, दादरा, नगर हवेली) का आधुनिकीकरण हुआ है जिससे स्थानीय नागरिकों को सुलभ से जीवन के लाभ मिले है। लक्षद्वीप को भी वे सब मिलने चाहिये। प्रह्लाद खोडा पटेल आश्वस्त है कि कुछ समय बाद यहां की जनता विकास की प्रशंसा कर, राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल अवश्य हो जायेगी।

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